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केमिकल फैक्ट्री में भीषण आग, धमाकों से दहला इलाका

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 मेरठ 
मेरठ में दिल्ली रोड स्थित शॉप्रिक्स मॉल के पीछे मेजर ध्यानचंद नगर में सोमवार को एक केमिकल फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। आग लगते ही फैक्ट्री में रखे केमिकल से भरे तीन सौ ड्रम आग का गोला बनकर फटने लगे। धमाकों की आवाज से पूरा इलाका दहल गया और आसपास के लोग घरों से बाहर निकल आए।

मौके पर कई जिलों से आए दमकल कर्मियों और पुलिस ने छह घंटे तक कड़ी मशक्कत की और इसके बाद ही आग पर काबू पाया जा सका। आग क्यों लगी, इसके कारणों का पता नहीं लग सका है। सीएफओ का कहना है कि अवैध रूप से हजारों लीटर केमिकल को स्टोरेज कर रखा था, जिसमें आग लगी है। फैक्ट्री में धमाका होते ही फैक्ट्री मालिक व कर्मचारी फरार हो गए।  

ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र के मेजर ध्यानचंदनगर में शास्त्रीनगर निवासी सचिन गुप्ता की केमिकल फैक्ट्री है। सोमवार दोपहर करीब एक बजे फैक्ट्री में आठ कर्मचारी बायलर में थिनर व साल्वेंट मिलाकर केमिकल तैयार कर रहे थे। वहां फैक्ट्री मालिक सचिन गुप्ता भी मौजूद थे। इस दौरान केमिकल तैयार करते हुए केमिकल से भरा हुआ बायलर तेज धमाके के साथ फट गया। 

बायलर फटते ही वहां रखे केमिकल के ड्रम में आग लगनी शुरू हो गई। देखते ही देखते आग ने भयंकर रूप धारण कर लिया। आग लगते ही कर्मचारी व मालिक फैक्ट्री से मौके से भाग खड़े हुए। कुछ ही पलों में आग केमिकल से भरे ड्रमों तक पहुंच गई। इसके बाद केमिकल से भरे ड्रम तेज धमाकों के साथ फटने लगे। फैक्ट्री से आग की लपटें आसमान को छूने लगीं। आसपास के लोगों में हड़कंप मच गया। आननफानन में दमकल को सूचना दी गई।

मौके पर पहुंची पुलिस ने आग को पानी से बुझाना शुरू किया, लेकिन आग विकराल रूप धारण कर चुकी थी। आग बुझाने के लिए आसपास के जिले हापुड़, गाजियाबाद, बुलंदशहर, नोएडा से फायर ब्रिगेड की गाड़ियां बुलाई गई। छह घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पाया। 

हजारों लीटर पानी का आग पर नहीं हुआ असर 

केमिकल फैक्ट्री में लगी आग पर हजारों लीटर पानी की बौछार की गई, लेकिन आग पर कोई असर नहीं हुआ। शुरुआत में दमकल की 20 से ज्यादा गाड़ियों ने आग पर पानी की बौछार शुरू की लेकिन पांच घंटे तक हजारों लीटर पानी से आग पर जरा भी फर्क नहीं पड़ा। केमिकल के ड्रमों में लगी आग फैलती गई। इसके बाद नोएडा, हापुड़, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर से आई फायर ब्रिगेड की गाड़ियों ने आग पर फोम का छिड़काव किया तो आग पर काबू पाया जा सका। छह घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। 

धमाकों से दहल उठा इलाका 

केमिकल से भरे ड्रम धमाकों के साथ फटने शुरू हुए तो पूरा इलाका दहल उठा। एक के बाद एक दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंचती रहीं, लेकिन तब तक आग भयानक रूप धारण कर चुकी थी। 

काले धुंए से ढंक गया पूरा इलाका 

लपटों से पूरा इलाका काले धुंए से ढंक गया। पूरे इलाके में लोग घरों से बाहर निकल आए। आसपास के लोग आग की आशंका से भयभीत नजर आए।

तीन सौ ड्रमों में कहां से आ गया थिनर, साल्वेंट 

पुलिस व दमकल कर्मियों का कहना है फैक्ट्री में तीन सौ ड्रमों में थिनर और साल्वेंट था। इतनी भारी संख्या में यह कहां से आया, इसकी जांच शुरू कर दी है। इतनी बड़ा स्टाक किसके आदेश पर रखा हुआ था।  

आसपास की दीवारों में आ गई दरार 

आग लगते ही आसपास की कई फैक्ट्रियों की दीवारों में दरारें आ गई। आग के ड्रम बम की तरह फटते ही क्षेत्र में भगदड़ मच गई। लोग जान बचाकर वहां से भाग लिए। कुछ ही देर में आसपास का क्षेत्र खाली हो गया। आसपास की फैक्ट्रियों में भी आग से नुकसान पहुंचा है। 

नहीं मिले है आग बुझाने के साधन 

सीएफओ अजय कुमार शर्मा का कहना है कि फैक्ट्री अवैध रूप से चल रही थी। केमिकल स्टोरेज रखने की किसी भी अथॉरिटी से परमीशन नहीं ले रखी थी। फैक्ट्री में आग बुझाने का कोई भी साधन उपलब्ध नहीं था। 

फैक्ट्री मालिक के खिलाफ होगी कार्रवाई 

सीएफओ अजय कुमार शर्मा का कहना है कि फैक्ट्री मालिक सचिन गुप्ता के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। फैक्ट्री में अवैध केमिकल का स्टोरेज था। इस केस की जांच एफएसओ को सौंप दी है। जांच रिपोर्ट आने के बाद मुकदमा दर्ज किया जाएगा। 

धमाका हुआ तो कमरे में थे आठ मजदूर 

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि फैक्ट्री में घटना के वक्त आठ मजदूर व फैक्ट्री मालिक मौजूद थे। जब फैक्ट्री में आग लगी तो उस कमरे में आठ मजदूर थे। वहां रखे केमिकल का ड्रम जोरदार धमाके साथ फट गया तो पूरे कमरे में आग लग गई। आठ मजदूर किसी तरह कमरे का दरवाजा तोड़कर वहां से जान बचाकर भागे। इसके बाद उन्होंने अंदर फंसे फैक्ट्री मालिक को बाहर निकाला। 

घटना के बाद से फैक्टरी संचालक फरार

ब्रह्मपुरी इंस्पेक्टर रघुराज सिंह का कहना है कि फैक्ट्री में आग लगने के बाद फैक्ट्री मालिक सचिन गुप्ता फरार है। वहां काम करने वाले कर्मचारी भी नहीं हैं। उन्होंने बताया कि फैक्ट्री संचालकों के पास भारी मात्रा में केमिकल स्टाक करने का लाइसेंस है या नहीं, पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।