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अब 24 नवंबर तक ज्यादा किराया नहीं वसूल सकेंगी विमान कंपनियां, सरकार ने बढ़ाई कैपिंग की डेडलाइन

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नागर​ विमानन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) ने शुक्रवार को जानकारी दी घरेलू उड़ानों के किराये पर लगी कैपिंग 24 नवंबर तक के लिए होगी. जून में ही नागर विमानन मंंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने घरेलू रूट्स पर विमानों के किराये पर कैपिंग का ऐलान किया था. उस दौरान यह कैपिंग 24 अगस्त तक के लिए थी, जिसे अब 3 महीने के लिए और बढ़ा दिया गया है.

किराये के लिए तय है न्यूनतम व अधिकतम लिमिट
करीब दो महीने के लॉकडाउन के बाद 25 मई को केंद्र सरकार ने घरेलू पैसेंजर फ्लाइट्स की अनुमति दी थी. लेकिन, इस अनुमति के साथ सरकार ने इन उड़ानों के लिए वसूले जाने वाले किराये पर अपर और लोवर लिमिट भी तय किया था, ताकि विमान कंपनियां मौके का फायदा न उठा सकें. सरकार ने यह कैपिंग फ्लाइट्स की अवधि के आधार पर किया था.
21 मई को एक आदेश में कहा गया था कि ये लिमिट 3 महीने की अवधि के लिए होगा. हालांकि, सरकार ने इस दौरान यह भी कथा कि आगे स्थिति का जायजा लेने के बाद ही इसे बढ़ाने का फैसला लिया जाएगा.

कितनी है कैपिंग?
21 मई को एविएशन रेग्युलेटर डीजीसीए ने सरकार के फैसले के आधार पर ​किराये की लिमिट तय करने के बारे में जानकारी दी थी. 40 मिनट से कम अवधि वाले डोमेस्टिक फ्लाइट्स के लिए न्यूनतम किराया 2,000 रुपये और अधिकतम किराया 6,000 रुपये तय किया गया था. 40 से 60 ​मिनट के लिए यह लिमिट क्रमश: 2,500 रुपये और 7,500 रुपये था. 60 से 90 मिनट की फ्लाइट के लिए न्यूनतम किराया 3,000 रुपये और अधिकतम किराया 9,000 रुपये तय किया गया है. इसी प्रकार 90 से 120 मिनट के लिए यह लिमिट 3,500 और 10,000 रुपये की है. 120 मिनट से 150 मिनट की अवधि वाले फ्लाइट्स के​ लिए किराया 4,500 रुपये से लेकर 13,000 रुपये के बीच में ही होनी चाहिए. 150 मिनट से लेकर 180 मिनट की फ्लाइट के लिए किराया कम से कम 5,500 रुपये और अधिकतम 15,570 रुपये ही होना चाहिए.