नजर लगना एक बहुत बड़ा दोष माना जाता है| जब कभी कोई व्यक्ति किसी की उन्नति वा भाग्य को देखकर ईर्ष्या करता है वा ईर्ष्या के वशीभूत कुछ गलत कह दे तो उसे नज़र लग सकती है| कई बार देखा गया है की नज़र के कारण अच्छा भला व्यवसाय अचानक रुक जाता है, नहीं तो अनेक प्रकार की परेशानिया आती रहती है जैसे बच्चे या बड़े दोनों को ही नज़र लग सकती है जिससे वह बीमार पड़ जाते है यदि आप भी इन में से किसी भी परेशानी का सामना कर रहे है तो आप घर बेठे ही अपना उपचार कर सकते है|
जिस प्रकार किसी व्यक्ति की राशि एवं नक्षत्र के स्वामी निर्बल होने पर वह नजर दोष के प्रभाव में आ जाता है, उसी प्रकार यदि किसी व्यक्ति की राशि एवं नक्षत्र स्वामी क्रूर ग्रह बली हो तथा पापी ग्रहों का प्रभाव हो, तो व्यक्ति की वाणी, दृष्टि एवं मनोभावों में ईर्ष्या उत्पन्न होती है।
अक्सर सुनने में आता है कि किसी ने किसी दूसरे पर टोना कर दिया है, जिससे उसका कोई भी काम ठीक नहीं होता और दुर्भाग्य बार-बार आड़े आ जाता है। इसी प्रकार कभी हम महसूस करते हैं कि पूरी मेहनत के पश्चात भी हमें कार्य में सफलता नहीं मिल रही – कारण कि किसी ने हमारे व्यवसाय को बांध दिया है। बंधन के फलस्वरूप या तो व्यवसाय नहीं होता या फिर व्यवसाय होते हुए भी अंततः हानि ही हाथ आती है। यहां तक कि इस प्रकार का माहौल बन जाता है कि हमें वह व्यवसाय छोड़ना ही पड़ जाता है।
कभी किसी व्यक्ति का स्वास्थ्य ऐसे बिगड़ जाता है कि सभी दवाइयां निष्प्रभावी हो जाती हैं। ऐसा अक्सर किसी भूत-प्रेत या चुड़ैल की बाधा साथ लग जाने से होता है। यह बाधा किसी के द्वारा कराई गई होती है या अंजाने में राह में या हमारे किसी कर्म के कारण लग जाती है। मनुष्य को पूर्व जन्म के ऋणानुबंध या श्राप आदि भी अनेक प्रकार से कष्टदायी होते हैं जिनका उपाय करने से उनसे मुक्ति मिल सकती है।
लक्षण:
पति पत्नीकी_अनबन
आज भी नजर दोष पति पत्नी की अनबन दुकान घर मे लगी नजर आदि के काम आता है। जो लोग शमशानी स्थानो के आसपास रहते है या जो महिलाये अधिकतर पर्दे मे रहती है,या जो लोग किसी न किसी कारण से मशहूर हो गये होते है,उन लोगो के लिये शैतानी आंख अनदेखे हथियार की तरह से मारने के काम आती है,महिलाओ मे सिरदर्द की बीमारी हो जाना,उल्टी आदि होने लगना,अनाप सनाप बकने लगना।
कामुकता का अधिक पैदा हो जाना,जननांग को खुजलाने की आदत लग जाना,योनि का हमेशा गीला रहना,बाथरूम मे अधिक समय का लगना,बाल खुल्ले रखने की आदत बन जाना,किसी न किसी अंग का लगातार फ़डकते रहना।