इस महीने वर्ष का पहला सूर्यग्रहण (Surya Grahan 2021) लगने जा रहा है। यह सूर्यग्रहण 10 जून को लगने वाला है। जो ज्येष्ठ अमावस्या तिथि पर लगेगा। भारतीय समयानुसार ग्रहण दोपहर 01:42 बजे से शुरू होगा जो कि, शाम 06:41 बजे समाप्त होगा। ये सूर्यग्रहण उत्तर-पूर्व अमेरिका, यूरोप, उत्तरी एशिया और उत्तरी अटलांटिक महासागर में नजर आएगा। इस सूर्यग्रहण को खंडग्रास, रिंग फिंगर और व्यलाकार सूर्य ग्रहण भी कहते हैं। यह भारत में नजर नहीं आएगा और इस कारण ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं है। ग्रहण के दौरान सूतक का विचार किया जाता है। इस दौरान बहुत से ऐसे कार्य हैं जिन्हें करना मना होता है। ग्रहण काल में मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं, पूजा पाठ और अन्य तरह के मंगल अनुष्ठान नहीं होते हैं। वहीं ज्योतिष शास्त्र की मानें तो राहु और केतु ग्रह की वजह से ग्रहण लगता है, ज्येष्ठ अमावस्या के दिन लगने वाला ग्रहण वृष राशि में लगेगा। लेकिन ये सभी राशियों को प्रभावित करेगा। ग्रहण भारत मे नही दिख रहा है सभी का मत होता है की इसका असर हम पर नही होगा पर मेरा अनुभव है उपाय करने से जातक को बहुत अच्छा असर देखने को मिलता है। इस लिये जिनकी भी पत्रिका मे जन्म से या वर्ष फल मे सूर्य… राहु साथ या दृष्टि मे हो जातक के पिता को कष्ट या पिता से कष्ट हो तो उपाय जरूर करना चाहिये।
ग्रहण के बाद बुरे असर से बचने के लिए जरूर करें ये उपाय-
1. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण काल खत्म होते ही घर की अच्छी तरह साफ-सफाई करनी चाहिए।ऐसा करने से माना जाता है कि घर से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है।
2. ग्रहण खत्म होने के तुरंत बाद स्नान अवश्य करना चाहिए। घर के मंदिर को भी गंगाजल से शुद्ध करना न भूलें।
3. ग्रहण के समय पहने हुए वस्त्रों को स्नान करने के बाद बदल लेना चाहिए।
4. ग्रहण के बुरे असर से बचने के लिए ग्रहण खत्म होने के बाद गरीबों को भोजन करवाएं या जरूरतमंदों को दान दें।
5. ग्रहण खत्म होने के बाद भगवान शिव की आराधना करना अच्छा माना जाता है। इसके अलावा ग्रहण खत्म होने के बाद गाय को हरी घास पक्षियों को दाना देने से भी पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
6. इस दिन सभी राशि वालो को शनि जयंती पर शनि के उपाय करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं. इस दिन शनि देव से जुड़ी वस्तुओं का दान करना उत्तम माना गया है. इस दिन सरसों का तेल, काली उड़द की दाल, काले तिल आदि का दान करना अच्छा माना गया है।
7.गायत्री मंत्र का पाठ करना है ।
8. अपने इष्ट और कुल देवी का सिमरन करना है।