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कालसर्प योग और इसका निवारण

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कालसर्प योग का नाम सुनते ही मन में एक अजीब सा डर बैठ जाता है। इस दोष से पीड़‍ित जातक जीवन में कई प्रकार के उतार-चढ़ाव देखता है। जातक महत्वाकांक्षी होते हुए भी पूर्ण सफलता से वंचित रह जाता है। यदि आप कालसर्प योग से पीड़‍ि‍त हैं तो नागपंचमी सर्वश्रेष्ठ दिन है जो इस पीड़ा से आपको मुक्त कर सकता है। अनेक विद्वानों ने अपने मतों के अनुसार इसके उपाय बतलाए हैं।

कालसर्प योग को लेकर आज हर व्यक्ति में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। यह क्या है और इसका निवारण कैसे हो, इस बात को लेकर व्यक्ति बहुत चिंतित रहता है।

पहले भी था कालसर्प योग :
ज्योतिष शास्त्र में कालसर्प योग व्यक्ति के जीवन में एक बड़ी रुकावट माना गया है। इस योग के कारण जीवन में बाधाएं अधिक आती हैं। कालसर्प दोष के निवारण हेतु उपाय करने से सुखद परिणाम प्राप्त होने लगते हैं। कालसर्प योग पहले नहीं था, ऐसा नहीं है। इसके बारे में महर्षि पाराशर एवं वाराहमिहिर जैसे प्राचीन ज्योतिषाचार्यों ने अपने ग्रंथों में इसका उल्लेख किया है।

कालसर्प योग से डरना नहीं चाहिए :
राहु व केतु के बीच सभी ग्रह आने पर कालसर्प योग का निर्माण होता है। इसे महर्षि भृगु, कल्याण वर्मा बादरायण आदि ने