राज्यपाल श्री मंगूभाई छगनभाई पटेल ने कहा है कि जनजातीय विकास का आधार शिक्षा में प्रगति है। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्र का होने और जनजातीय उत्थान के प्रयासों के कार्य अनुभव के आधार पर यह बात कह रहें है। उन्होंने कहा कि वंचित के उत्थान के प्रयासों में क्रियान्वयन का भाव महत्वपूर्ण होता है। आत्मीय भाव के साथ कार्य किया जाना महत्वपूर्ण है। राज्यपाल श्री पटेल आज पदभार ग्रहण करने के बाद सबसे पहले जनजातीय अनुसंधान एवं विकास संस्था पहुँचे और प्रदेश में जनजातीय उत्थान के प्रयासों, विकास और अनुसंधान के कार्यों की जानकारी प्राप्त की। इस अवसर पर राज्यपाल ने तीन पुस्तकों गोंड पेन्टिंग, मध्यप्रदेश की औषधीय वनस्पतियाँ और जनजातीय वाद्य का विमोचन किया।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि प्रदेश में जनजातीय विकास के प्रयासों को और अधिक गति देने के लिए वे स्वयं जनजातीय क्षेत्रों का सघन भ्रमण करेंगे। जनजातीय सदस्यों के साथ संवाद कर उनकी अपेक्षाओं और आवश्यकताओं की जानकारी भी प्राप्त करेंगे। उन्होंने गुजरात के प्रसंग का उल्लेख करते हुए बताया कि प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने वन बंधु योजना शुरू कर जनजातीय विकास का जो मॉडल बनाया, वह पूरे देश का आदर्श होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा का प्रतिशत, प्राथमिक, माध्यमिक, हायर सेकेन्डरी और उच्च शिक्षाओं में ड्रॉप-आउट की स्थिति, रोजगार की स्थिति और स्थानीय उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुसार व्यवसायिक प्रशिक्षण की स्थिति की समीक्षा कर जनजातीय विकास की कार्य-योजना बना कर प्रयास किया जाना चाहिए।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि वन अधिकार के पट्टे देने का कार्य देश में पहली बार बस्तर में शुरू हुआ था। इस कार्य की सफलता इसमें है कि सदियों से जो खेती कर रहें है, उन्हें सरलता से अधिकार प्राप्त हो जाए। उन्होंने कहा कि जनजातीय विकास के लिए जरुरी है कि उन्हें मुख्य धारा में समानता के साथ शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार अन्य योजनाओं में उत्थान के कार्य किए जाते है। उसी तरह जनजातीय विकास के कार्य भी किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि जनजातीय अनुसंधान एवं विकास केन्द्र को इस दिशा में कार्य करना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि दुखी और वंचित के सहयोग और विकास के प्रयास कार्य की संतुष्टि प्रदान करते है। संवेदन शीलता ही स्वस्थ समाज के निर्माण का आधार होती है।
प्रमुख सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति कल्याण डॉ. पल्लवी जैन गोविल ने कहा कि जनजातीय कल्याण के प्रति राज्यपाल की चिंता और संवेदनाएँ, इस क्षेत्र में उनका कार्य अनुभव, विभाग का मार्गदर्शन करेगा। प्रदेश जनजातीय विकास में नए आयाम स्थापित करेगा। उन्होंने विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं एवं कार्यक्रमों की जानकारी दी। संचालक जनजातीय अनुसंधान एवं विकास संस्था श्री अशोक शाह ने संस्था की गतिविधियों की जानकारी दी। प्रारंभ में संस्था पहुँचने पर राज्यपाल का सम्मान शॉल, श्रीफल और पुष्प गुच्छ भेंट कर किया गया। उन्हें बेगा व्यक्ति की प्रतिकृति भेंट की गई।
राज्यपाल ने जनजातीय संग्रहालय का भ्रमण किया
राज्यपाल श्री मंगूभाई छगनभाई पटेल ने बैठक के बाद मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय का अवलोकन किया। प्रदेश की जनजातीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओं की जानकारी प्राप्त की।