अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (पीटीआरआई) श्री दिनेश चंद्र सागर द्वारा बुधवार को एक दिवसीय वर्चुअल ऑनलाइन ट्रेनिंग दी गई। इसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से आरक्षक स्तर के अधिकारी/कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी गई। ट्रेनिंग में यातायात के नियमों के पालन करने और पालन करवाने के निर्देश दिए गए।
एडीजी श्री सागर ने ऑनलाइन ट्रेनिंग में सड़क दुर्घटनाओं के तथ्यों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी विभागों को मिलकर काम करना होगा जैसे, पुलिस, परिवहन, स्वास्थ्य, शिक्षा, एनएचएआई, पीडब्ल्यूडी आदि। सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा दिये गये निर्देशों का ईमानदारी से पालन करना होगा। मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी सड़क सुरक्षा नीति-2015 के अनुरूप ”सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा” के अनुरूप कार्य करने की समझाइश दी गई। एडीजी श्री सागर ने कहा कि वर्तमान में प्रौद्योगिकी विकास होने से उन्नत किस्म के वाहन और अच्छी सड़कें बनी हैं। वाहन चलाते वक्त यातायात के नियमों का पालन कर हम दुर्घटनाओं से बच सकते हैं। हमें आधुनिक टेक्नोलॉजी से प्राप्त वाहनों का दुरूपयोग नहीं करना है, अर्थात् वाहन को अति गति से नहीं चलाना है। यातायात के नियमों का पालन करते हुए वाहन चलाना है।
वर्चुअल ऑनलाइन ट्रेनिंग के प्रथम सत्र में श्री प्रतिपाल सिंह महोबिया, सहायक पुलिस महानिरीक्षक एवं श्री प्रमोद कापसे, परिवहन द्वारा दिए गए उद्बोधन में यातायात के नियमों का पालन करने, सड़क सुरक्षा से संबंधित रोड शिष्टाचार, सही व्यवहार एवं ट्रैफिक साइन, रोड मार्किंग के बारे में प्रशिक्षणार्थियों को समझाया।
ऑनलाइन ट्रेनिंग के द्वितीय सत्र में एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी श्री विवेक जायसवाल ने राज्य सड़क सुरक्षा नीति की 4E’s-इंफोर्समेंट, एजुकेशन, इमरजेंसी केअर और इंजीनियरिंग का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि एनएचएआई के हाईवे पर एम्बूलेंस, ट्रामा सेंटर बनाये गये हैं। टोल नाकों पर रेस्ट-हाउस बनाये गये हैं।
ऑनलाइन ट्रेनिंग के अंतिम सत्र में डॉ. राजश्री बजाज डिप्टी डायरेक्टर डीएचएस द्वारा बताया गया कि सड़क दुर्घटना के समय दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को अस्पताल में सुरक्षित ले जाने के लिये ”गोल्डन आवर” में त्वरित सहायता मिलने पर रोड एक्सीडेंट में घायलों की जान बचाने में मदद मिलती है। सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति की जान को बचाने के लिये सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिसेसिटैशन) दिए जाने संबंधी जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि हाईवे पर दुर्घटना होती है तो आस-पास के लोगों को प्राथमिक उपचार कैसे दिया जाये तथा किन-किन बातों का ध्यान रखा जाने रखा जाना जरूरी है, इसका भी बेसिक प्रशिक्षण होना चाहिये, जिससे कि घायलों की जान बचायी जा सके।