Home मध्य-प्रदेश अन्न उत्सव दिवस – बिसाहूलाल सिंह

अन्न उत्सव दिवस – बिसाहूलाल सिंह

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फादर डे, मदर डे, टीचर डे ऐसे ही न जाने कितने डे । डे  यानी दिवसों के बारे में हमने सुना है और मनाया भी है और मनाते भी है। यह कल्चर और यह परंपरा हमारी नहीं है और शायद हमें जरूरत भी नहीं है। परंतु पिज्जा बर्गर के इस दौर में हमें और हमारे देश के एक बहुत बड़े वर्ग क्रके बारे में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सोचा और जो सोचा उसे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के रूप में जमीन पर उतारा भी। हर गरीब पात्र हितग्राही को नि:शुल्क राशन वितरण के आयोजन के पीछे सरकार की मंशा यही है कि इस योजना का लाभ प्रदेश के हर उस व्यक्ति को मिले, जो इसका वास्तविक हकदार है। नागरिकों को जीवन यापन की प्रमुख जरूरतें मुहैयया कराने के लिए शासन सदैव प्रयत्नशील है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी इस जन हितैषी आयोजन के लिए स्वयं वर्चुअली हितग्राहियों से संवाद करेंगे। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने  प्रधानमंत्री श्री मोदी की मंशा के अनुरूप कोरोना काल में हर नागरिक को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के उदेश्य से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के सभी हितग्राहियों को प्रतिमाह प्रति व्यक्ति 5 किलो गेहूं /चावल वितरित किया जा रहा है। इस दिन दस किलो की क्षमता वाली थैली में सबको भोजन, पर्याप्त पोषण की कल्पना के साथ राशन वितरित किया जा रहा है। दिनांक 7 अगस्त को आयोजित प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से सरकार प्रदेश की 25 हजार 435 उचित मूल्य की दुकानों से नि:शुल्क राशन वितरित कर रही है। इस योजना का लाभ प्रदेश के बाहर रहने वाले पात्र हितग्राही भी ले सकेंगे।

हमारे देश का इतिहास गवाह है जब भी देश पर किसी प्रकार की प्राकृतिक आपदा या संकट आया सरकार ने अपने नागरिकों के लिए खुले दिल और दिमाग से योजना बनाकर आमजन की मदद के लिए अपने खजाने खोल दिए। देश ही नहीं सारी दुनिया में कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा जनता से आग्रह स्वरूप कहे गए तीन वाक्य 1.घर पर रहें 2. घर पर ही रहें 3. सिर्फ घर पर ही रहें, का असर यह रहा कि आम आदमी अपने काम-धंधा छोड़कर अपने घर में ही रहकर कोरोना की जंग में शामिल हो गया। एक आम आदमी जो प्रतिदिन कमाता खाता था, बिना पैसे के कितने दिन घर में रह सकता था।उसके और उसके परिवार के सामने भोजन की चुनौति सामने आ खड़ी हुई। सरकार ने कोरोना से लड़ते हुए इस जिम्मेदारी को भी निभाते हुए गरीब परिवारों को राशन उनके घर तक नि:शुल्क पहुँचाने की महती भूमिका निभाई। कोरोना की पहली लहर के बाद दूसरी लहर अभी भी पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है, इस बात को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा नि:शुल्क राशन माह नवंबर तक वितरित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना एवं खाद्य सुरक्षा अधिनियम  के माध्यम से कोरोना महामारी में आर्थिक रूप से टूट चुके लोगों को नि:शुल्क राशन वितरित करवाकर उन्हें खाद्यन्न सुरक्षा प्रदान की है। यह नागरिकों के प्रति केन्द्र एवं राज्य सरकार की संवेदनशीलता का एक संवेदनशील उदाहरण है। सरकार ने इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश के सभी नागरिकों को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराई है।

प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री के रूप में मैं यह कह सकता हूँ कि अन्न्‍दिवस के अवसर पर हम प्रदेश के लगभग 4 करोड़ 83 लाख हितग्राहियों को उचित मूल्य की दुकान से खाद्य सुरक्षा मुहैया करा रहे हैं। हमारा प्रयास यह है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत कोई भी पात्र व्यक्ति खाद्यान्न पाने से वंचित न रहे। प्रदेश सरकार द्वारा अप्रैल 2020 से अभी तक लगभग 45 लाख नये हितग्राहियों को नि:शुल्क राशन के लिए पात्रता पर्ची जारी की गई है। वर्ष 2014 से प्रदेश सरकार द्वारा किये गये विशेष प्रयासों से बैगा, भारिया, सहरिया जैसे पिछड़े वर्ग के हितग्राहियों को प्राथमिकता से खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया है। कोई भी पात्र हितग्राही बचा न रहे, इसके लिए 28 श्रेणियाँ बनाकर हितग्राहियों को योजना का लाभ सुनिश्चित किया गया। प्राथमिकता परिवारों में ट्रांसजेंडर व्यक्ति को भी शामिल किया गया। वन नेशन- वन राशन कार्ड योजना से प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर कहीं भी और किसी भी शासकीय उचित मूल्य की दुकान से हितग्राही राशन प्राप्त कर सकता है।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के नवंबर तक विस्तार से 90 करोड़ रूपये से अधिक का व्यय भार केंद्र सरकार वहन करेगी। बम्पर गेहूं उपार्जन से प्रदेश में खाद्यान्न की दृष्टि से मध्यप्रदेश देश के संपन्न राज्यों की श्रेणी में आता है। पिछले साल प्रथम स्थान पर रहने के बाद पंजाब के बाद मध्यप्रदेश दूसरे स्थान पर है। पोर्टेबिलिटी के माध्यम से प्रदेश के 4 लाख परिवारो को राशन वितरण किया गया है। इसके अलावा नॉमिनी के माध्यम से 50 हजार परिवारों द्वारा राशन प्राप्त किया गया। लगभग 24 हजार 500 उचित मूल्य दुकानों से बायोमेट्रिक सत्यापन के आधार पर राशन वितरित किया गया। राशन वितरण में पारदर्शिता के चलते शासकीय उचित मूल्य दुकानों पर हितग्राही की सूची प्रदर्शित लगवाई गई जिससे खाद्यान्न वितरण की स्थिति हितग्राहियों के सामने स्पष्ट हो सके।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के प्रथम चरण में माह अप्रैल से नवंबर 2020 तक पात्र परिवारों को एक किलोग्राम प्रतिमाह प्रति परिवार के मान से नि:शुल्क दलिया वितरण बाजार दर से किया जाना भी विचाराधीन है। कोरोना काल में ऐसे जरूरतमंद परिवार, जिनको राशन प्राप्त नहीं हो रहा था, से घोषणा पत्र के माध्यम से 4 लाख 50 हजार हितग्राहियों को आधार कार्ड के माध्यम से अस्थाई पर्ची वितरित की गई।इन हितग्राहियों को 3 से 5 किलोग्राम प्रति सदस्य के मान से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम एवं प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत माह मई से नवंबर 2021 तक नि:शुल्क राशन वितरित किया जाएगा।