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जनजातियों का जीवन बेहतर बनाना हमारी प्राथमिकता – राज्यपाल श्री पटेल

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सिकलसेल पीड़ितों को विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएँ दिलाएं
विश्‍वविदयालय द्वारा दी जाए रोजगारमूलक शिक्षा

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि मध्यप्रदेश में बड़ी संख्या में जनजाति समाज के लोग रहते हैं। प्रदेश की लगभग 21 प्रतिशत आबादी जनजातियों की है। जनजाति समाज आज भी विकास की रफ्तार में पीछे है। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा है कि जनजातियों के सर्वांगीण विकास में हम सबकी भागीदारी होनी चाहिए। सरकार ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्‍वास और सबका प्रयास का नारा दिया है। हम सब मिलकर इस अवधारणा को साकार करें। जनजातीय समाज के लोगों के बीच जाकर शासन की कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने, उनके जीवन में खुशहाली लाने के कार्य को चुनौती के रूप में लें।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा सबको मिलकर जनजाति समाज के जीवन में उन्नति, प्रगति और समृद्धि लाने के लिए सकारात्मक प्रयास करने होंगे। जनजाति समुदाय के लोगों के जीवन में बेहतरी लाने के लिए निरन्तर प्रयास करने होंगे। राज्यपाल श्री पटेल आज इन्दिरा गांधी जनजातीय राष्ट्रीय विश्‍वविदयालय अमरकंटक में सिकलसेल की बीमारी से बचाव के लिए आयोजित परिचर्चा को संबोधित कर रहे थे।

परिचर्चा का शुभारंभ राज्यपाल श्री पटेल द्वारा माँ सरस्वती के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर विधायक श्री फुन्देलाल सिंह मार्को, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रूपमती सिंह, कुलाधिपति डॉ. मुकुल ईश्‍वरलाल शाह, कुलपति प्रो. प्रकाश मणि त्रिपाठी, अधिकारी, जन-प्रतिनिधि और स्वयंसेवी सामाजिक संगठनों के सदस्य भी उपस्थित रहे।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि सभी का लक्ष्य मानव कल्याण है। मुझे आप सभी से बड़ी अपेक्षा है कि आप जनजाति समाज के लोगों के बीच जाकर उनकी उन्नति, प्रगति के विषय में उनका सहयोग करेंगे। उनका मार्गदर्शन कर उन्हें विश्‍वास के साथ विकास और प्रगति पर लाने का प्रयास करेंगे। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि विकास के साथ-साथ अच्छा स्वास्थ्य भी आवश्‍यक है। सिकलसेल की बीमारी जनजातीय क्षेत्रों में ज्यादा फैली है। सिकलसेल की बीमारी में स्वास्थ्य संबंधी कई विकार उत्पन्न होते हैं। सिकलसेल के बीमारी के निवारण के लिए जागरूकता आवश्‍यक है। सिकलसेल की बीमारी किन कारणों से होती है तथा इसके बचाव के उपाय क्या है, इसकी जानकारी दूरदराज के क्षेत्रों मे रहने वाले जनजातीय समाज के लोगों तक पहुँचना चाहिए।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि सिकलसेल से पीड़ित मरीजों को विशेषज्ञ, चिकित्सकों के सेवाएँ भी मिलना चाहिए। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि सिकलसेल बीमारी को समूल नष्ट करने के भी प्रयास होने चाहिए। उन्होंने कहा कि शासन की ओर से सिकलसेल से पीड़ित मरीजों के लिए निरन्तर प्रयास किए जा रहे हैं। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि जनजातीय विश्वविद्यालय का ज्ञान गांवों और गरीबों तक पहुँचना चाहिए। विश्वविद्यालय का ज्ञान सिकलसेल की बीमारी एवं अन्य बीमारियों के निवारण में होना चाहिए और जनजाति समाज के लोगों को रोजगार तथा स्व-रोजगार उपलब्ध कराने में होना चाहिए। विश्वविद्यालयों द्वारा छात्रों को दिया जा रहा ज्ञान रोजगारमूलक होना चाहिए। विश्वविद्यालयों द्वारा दी जा रही शिक्षा से विद्यार्थियों को रोजगार भी मुहैया होना चाहिए।

परिचर्चा को अधिष्ठाता इन्दिरा गांधी जनजातीय विश्वविद्यालय एवं कुलपति जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक ने भी संबोधित किया। परिचर्चा में सिकलसेल की बीमारी से पीड़ित श्री तरुण कुमार मोगरे, गंगोत्री भीमटे ने भी सिकलसेल की बीमारी से होने वाली परेशानियों के संबंध में अपनी बात रखी।

उत्कृष्टता केन्द्र का किया लोकार्पण

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय परिसर में बनाए गए उत्कृष्टता केन्द्र का फीता काटकर लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने पौधरोपण भी किया।

हितग्राहियों को हितलाभों का वितरण किया गया

राज्यपाल श्री पटेल ने आज इन्दिरा गांधी जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक में आयोजित कार्यक्रम में कल्याणी पेंशन योजना, वन अधिकार पट्टों के हितग्राहियों और संबल योजना के हितग्राहियों को हितलाभों का वितरण किया।