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इंदौर ने स्वच्छता के क्षेत्र में देश-विदेश में प्रदेश की शान बढ़ाई

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मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इंदौर में मेट्रो रेल परियोजना के 16 स्टेशन और 11 किमी वायाडक्ट निर्माण का किया भूमि-पूजन और शिलान्यास

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इंदौर ने स्वच्छता के मामले में देश ही नहीं विदेशों में प्रदेश की शान बढ़ाई है। इंदौर क्लीन, ग्रीन, आईटी, हाईटेक सिटी के बाद अब मेट्रो सिटी का ख़िताब हासिल करने जा रहा है। अत्याधुनिक मेट्रो रेल का कार्य पूरी गति से आरम्भ हुआ है। सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। रिंग के रूप में निर्मित होने वाली इस परियोजना से नगरवासी लाभान्वित होंगे। इससे न केवल रोज़गार के अवसर मिल रहे हैं वरन सौर ऊर्जा के ज़रिए इसके संचालन से पर्यावरण को भी लाभ मिलेगा। बाद में इसको थ्री लेयर ट्राफ़िक सिस्टम के रूप में उपयोग किया जा सके इसके लिए डिज़ाईन निर्माण के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज इंदौर में मेट्रो रेल परियोजना के प्रायोरिटी कॉरिडोर के 16 मेट्रो स्टेशन एवं 11 कि.मी. वायाडक्ट कार्य का शिलान्यास एवं भूमि-पूजन किया। शिलान्यास किए गए पैकेज IN 2 & 3 की लागत 1416 करोड़ 85 लाख रुपये है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वर्ष 2028 के आगामी सिंहस्थ के लिए नागरिकों के आवागमन को देखते हुए इस परियोजना को उज्जैन तक रैपिड रेल अथवा मेट्रो रेल के रूप में बढ़ाने के लिए सर्वे के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इंदौर-पीथमपुर मेट्रो का भी सर्वे कराया जाएगा। शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, पर्यावरण, सर्विस सेक्टर, महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में इंदौर वर्ष 2047 में कैसा होगा, इसका रोडमैप भी बनवाया जाएगा।

इंदौर में मेट्रो कॉरिडोर का एक रिंग के रूप में एयरपोर्ट से प्रारंभ होकर गांधीनगर, सुपर कॉरिडोर, एमआर-10, आईएसबीटी, विजय नगर चौराहा, रेडिसन चौराहा, बंगाली चौराहा, हाईकोर्ट, रेलवे स्टेशन, बड़ा गणपति, बीएसएफ से होते हुए इंदौर एयरपोर्ट पर लगभग 31.5 कि.मी. में निर्माण किया जा रहा है। इसकी कुल लागत 7500 करोड़ 80 लाख रूपये है। भूमि का आरक्षण कर लिया गया है। गांधीनगर मेट्रो डिपो डिजाईन का कार्य पूरा कर लिया गया है। सभी 16 एलीवेटेड मेट्रो स्टेशन विश्व-स्तरीय सुविधाओं से युक्त होंगे। इनमें से 4 स्टेशन, रेडिसन चौराहा, विजय नगर चौराहा, सुपर कॉरिडोर-3 एवं भंवरसला स्टेशन आइकॉनिक डिजाईन के होंगे। आईजीबीसी की प्लेटिनम रेटिंग के हरित भवन के मानकों के अनुसार ऊर्जा संरक्षण के लिये सभी स्टेशन पर एलईडी लाइट एवं सोलर पेनल की व्यवस्था होगी। सभी स्टेशन पर मॉल की तरह सेंट्रल एयर कॉनकोर्स होगा। इसमें एटीएम, खाद्य आउट्लेट, कैफे, मोबाईल रिचार्ज जैसी सेवाएँ उपलब्ध होंगी। सभी स्टेशन पर आपातकाल में अग्रिम चेतावनी के साथ एक परिष्कृत अग्निशमन प्रणाली होगी। सभी स्टेशन पर मल्टीमॉडल एकीकरण होगा, जिसके अंतर्गत शहर के अन्य आवागमन के साधनों के साथ जैसे ई-रिक्शा, सिटी बस, पिक एण्ड ड्रॉप एवं पब्लिक बाइक शेयरिंग आदि की प्लानिंग की गई है। निकट भविष्य में प्रस्तावित केबल कार से मेट्रो रेल स्टेशन को जोड़ने का भी प्रावधान किया जा रहा है। सभी स्टेशन लिफ्ट एवं एसक्लेटर से सुसज्जित होंगे। साथ ही पावर बैकअप भी होगा।

सभी स्टेशन पर अत्याधुनिक ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम होगा। सभी स्टेशनों पर सुरक्षा के लिये पूर्णकालिक सीसीटीवी, मेटल डिटेक्टर एवं अन्य सुरक्षा के आधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे। इससे विशेष रूप से महिलाओं एवं बच्चों को सुरक्षा प्रदान की जा सकेगी। सभी स्टेशन के परिसर में यात्रियों के लिये चिन्हित सुरक्षित फुटपाथ बनाए जाएंगे। स्टेशन क्षेत्र का हरित विकास किया जाएगा। प्रभावित वृक्षों की प्रतिपूर्ति के लिए चार गुना वृक्षों का अग्रिम रोपण किया गया है। सभी स्टेशन पर पर्यावरण संरक्षण के लिये वाटर हार्वेस्टिंग की जाएगी।

जल-संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर, सांसद श्री शंकर लालवानी, विधायक श्री महेंद्र हार्डिया, श्री आकाश विजयवर्गीय, श्रीमती मालिनी गौड़, श्री रमेश मेंदोला एवं अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।