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निर्झरणी महोत्सव माँ नर्मदा के प्रति धन्यता का भाव प्रकट करने का उत्सव : मुख्यमंत्री श्री चौहान

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नर्मदा जयंती पर 11 जिलों में एक साथ होंगे महोत्सव के कार्यक्रम
सांस्कृतिक कार्यक्रम, नृत्य और फ़िल्म का होगा प्रदर्शन

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मानवीय सभ्यता और संस्कृति में नदियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। हमारी सभ्यताओं का विकास नदियों के किनारे हुआ और यहीं पर संस्कृतियाँ फली-फूली हैं। हमारे देश में नीर, नारी, और नदी तीनों ही पूज्यनीय हैं। इसी दृष्टि से नर्मदा जयंती पर प्रदेश की जीवनदायिनी माँ नर्मदा के प्रति धन्यता का भाव प्रकट करने के लिये “निर्झरणी महोत्सव” का आयोजन किया जा रहा है। साथ ही 11 जिलों में माँ नर्मदा के किनारे विकसित संस्कृति के बहुविविध सांस्कृतिक रूपों का प्रदर्शन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से किया जाएगा।

प्रमुख सचिव संस्कृति और पर्यटन श्री शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ में नर्मदा जयंती, 8 फरवरी को शाम 6:30 बजे से अमरकंटक, डिंडौरी, मंडला, जबलपुर, होशंगाबाद, नेमावर (देवास), बरमान घाट (नरसिंहपुर), ओंकारेश्वर (खंडवा), मंडलेश्वर (खरगोन), डही (धार) और बड़वानी जिलों में सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।

श्री शुक्ला ने बताया कि इन सभी स्थानों पर जनजातीय और लोक नृत्य, लीला नाट्य  गायन, वादन की सांगीतिक प्रस्तुतियों के साथ ही नर्मदा की कथाओं पर आधारित जनजातीय चित्रों की प्रदर्शनी, रामायण में वर्णित वनवासी चरित्रों पर केन्द्रित एकाग्र चित्र प्रदर्शनी और फिल्म का प्रदर्शन किया जाएगा। स्थानीय प्रशासन द्वारा इस अवसर पर आरती, प्रभातफेरी आदि गतिविधियाँ की जायेंगी। विशेष रूप से माँ नर्मदा पर केन्द्रित ‘जीवन रेखा’ और ‘राग ऑफ रिवर नर्मदा’ फ़िल्म प्रदर्शित की जाएगी।

अमरकंटक, डिंडौरी और मंडला में जनजातीय नृत्य की प्रस्तुति

निर्झरणी महोत्सव में जनजातीय बहुल जिले अमरकंटक अनूपपुर, डिंडौरी और मंडला जिले में विशेष रूप से स्थानीय जनजातीय नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी। अमरकंटक में करमा-सैला नृत्य और परधौनी-करमा नृत्य, डिंडौरी में गुदुमबाजा और करमा नृत्य तथा मंडला में अवधी गायन और सैला-रीना नृत्य की प्रस्तुति होगी। साथ ही गोंड समुदाय में प्रचलित नर्मदा कथा के चित्र पर केन्द्रित ‘शाश्वत’ चित्र प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।

रपटा घाट, मण्डला में पद्मश्री सुश्री मालिनी अवस्थी, लखनऊ द्वारा अवधी गायन, श्री सोनसाय बैगा एवं साथी द्वारा बैगा- करमा नृत्य, श्री बलबीर सिंह एवं साथी द्वारा गोण्ड सैला-रीना नृत्य की प्रस्तुति दी जायेगी। महोत्सव में जीवन रेखा एवं राग ऑफ रिवर नर्मदा फिल्म प्रदर्शन होगा। फिल्म का निर्देशन एवं परिकल्पना श्री राजेंद्र जांगले की है। महोत्सव में गोण्ड समुदाय में प्रचलित नर्मदा कथा के चित्र पर केन्द्रित प्रदर्शनी भी लगाई जायेगी।

नर्मदा मंदिर परिसर, अमरकंटक (अनूपपुर) में गुरु श्री प्रसन्नदास के निर्देशन में वनवासी लीला नाट्य ‘निशादराज गुहय’ की प्रस्तुति होगी। इस प्रस्तुति का आलेख श्री योगेश त्रिपाठी द्वारा एवं संगीत संयोजन श्री मिलिन्द त्रिवेदी द्वारा किया गया है। इसी दिन श्री शिवप्रसाद धुर्वे एवं साथी द्वारा गोण्ड गुदुमबाजा नृत्य, श्री लामूलाल धुर्वे एवं साथी द्वारा गोण्ड करमा-सैला नृत्य, श्री दिलीप कुमार एवं साथी द्वारा बैगा परघौनी-करमा नृत्य की प्रस्तुति दी जायेगी। महोत्सव में जीवन रेखा एवं राग ऑफ रिवर नर्मदा फिल्म प्रदर्शन होगा। महोत्सव में गोण्ड समुदाय में प्रचलित नर्मदा कथा के चित्रों एवं वनवासी लीला निषादराज गुहय नाथद्वारा शैली, राजस्थान पर केन्द्रित चित्र प्रदर्शनी भी लगेगी।

शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय, डिण्डोरी में वनवासी लीला नाट्य भक्तिमति शबरी की प्रस्तुति गुरु श्री निर्मलदास जी के निर्देशन में दी जायेगी। इस प्रस्तुति का लेखन श्री योगेश त्रिपाठी एवं संगीत संयोजन श्री मिलिन्द त्रिवेदी द्वारा किया गया है। महोत्सव में दूसरी प्रस्तुति श्री जियालाल एवं साथी द्वारा गोण्ड करमा-सैला नृत्य, श्री अजुर्न सिंह धुर्वे एवं साथी द्वारा बैगा करमा नृत्य, श्री मायाराम धुर्वे एवं साथी द्वारा गोण्ड गुदुमबाजा नृत्य की प्रस्तुति दी जायेगी। महोत्सव में गोण्ड समुदाय में प्रचलित नर्मदा कथा के चित्रों एवं वनवासी लीला नाट्य भक्तिमति शबरी चेरियालपट्म शैली, आंध्रप्रदेश आधारित चित्र प्रदर्शनी भी लगेगी।

भेड़ाघाट, जबलपुर में सुश्री वैशाली गुप्ता एवं साथियों द्वारा नर्मदा नृत्य नाटिका, सुश्री लक्ष्मी दुबे एवं साथी द्वारा भक्ति गायन और श्री राजकरण पटेल एवं साथी द्वारा लोकगायन की प्रस्तुति दी जायेगी। 

बरमान घाट, नरसिंहपुर में सुश्री कीर्ति प्रमाणिक एवं साथी द्वारा नर्मदा नृत्य नाटिका, सुश्री मुस्कान चौरसिया एवं साथी द्वारा भक्ति गायन और श्री आशीष श्रीवास्तव एवं साथी द्वारा लोकगायन की प्रस्तुति दी जायेगी। 

सेठानी घाट, होशंगाबाद में सुश्री लता सिंह मुंशी एवं साथी द्वारा नर्मदा नृत्य-नाटिका, श्री कपिल शर्मा एवं साथी द्वारा नृत्य-नाटिका एवं गायन की प्रस्तुति दी जायेगी

नागर घाट, नेमावर (देवास) में सुश्री अर्चना कुमार एवं साथी द्वारा नर्मदा नृत्य-नाटिका, श्री सुनील शुक्रवारे एवं साथी द्वारा नर्मदा केंद्रित गायन और श्री अभिषेक सेन एवं साथी द्वारा लोकगायन की प्रस्तुति दी जायेगी। 

रामघाट, मंडलेश्वर, खरगोन में शाम 5 बजे कला यात्रा प्रारंभ होगी। इसके बाद शाम 7:30 बजे से माँ नर्मदा आरती एवं दीपदान कार्यक्रम होगा। महोत्सव में सुश्री सुचित्रा हरमलकर, कार्तिक कला केन्द्र, इंदौर द्वारा अमृतस्य नर्मदा नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दी जायेगी। 

पुलिस ग्राउण्ड, डही (धार) में आयोजित महोत्सव में शाम 5 बजे कला यात्रा प्रारंभ होगी और 5:30 बजे से माँ नर्मदा आरती एवं दीपदान कार्यक्रम होगा। अगले क्रम में श्री संजय महाजन एवं साथी द्वारा अमृतस्य नर्मदा नृत्य नाटिका, श्री राजेश सांखला, इंदौर द्वारा गायन एवं सुश्री नीलांगी कलंत्रे, जबलपुर द्वारा कथक समूह नृत्य की प्रस्तुति दी जायेगी।  

शिवकुंज आशाग्राम, बड़वानी में शाम 5 बजे कला यात्रा प्रारंभ होगी और शाम 7:30 बजे से माँ नर्मदा आरती एवं दीपदान कार्यक्रम होगा। महोत्सव में सुश्री अनुषा जैन, इंदौर द्वारा ओडिसी नृत्य, श्री माधव बारीक, भोपाल द्वारा अमृतस्य नर्मदा नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दी जायेगी। 

ओंकारेश्वर में सुश्री पलक पटवर्धन एवं समूह, उज्जैन, निनाद नृत्य अकादमी, उज्जैन द्वारा धन्य नर्मदे, सुश्री सुषमा व्यास एवं समूह उज्जैन द्वारा नर्मदा स्तुति एवं मालवी गायन, सुश्री मनीषा शास्त्री एवं समूह महेश्वर द्वारा नर्मदा स्तुति एवं निमाड़ी लोकगायन की प्रस्तुति दी जायेगी।