संचालक महिला-बाल विकास डॉ. रामराव भोंसले ने बताया कि आँगनवाड़ी केन्द्रों की पोषण-वाटिका में उत्पादित सब्जी एवं फल प्रति सोमवार उन स्व-सहायता समूहों को उपलब्ध कराई जायेगी, जो 3 से 6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिये गर्म पका भोजन तैयार करते हैं। उन्होंने बताया कि यह व्यवस्था आँगनवाड़ियों में नियमित प्रदाय किये जा रहे नाश्ता एवं गर्म पके भोजन की व्यवस्था के अतिरिक्त होगी।
संचालक डॉ. भोंसले ने बताया कि गर्भवती/धात्री माता और कुपोषित बच्चों के भोजन में पोषण विविधता के लिये फलों और सब्जियों की सुलभ और निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पोषण अभियान के तहत आँगनवाड़ी केन्द्रों, सामुदायिक भूमि और हितग्राहियों के घरों में बड़ी संख्या में पोषण-वाटिकाएँ विकसित की गई हैं। उन्होंने बताया कि पोषण-वाटिका में उत्पादित सब्जियों/फलों की पूर्ति के बाद अतिरिक्त को प्राथमिकता के आधार पर अति-कुपोषित बच्चों, गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं में समान रूप से वितरित किया जायेगा।