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खेलो इंडिया प्लेटफार्म पर कोई बड़ा-छोटा और नया-पुराना नहीं, सब बराबर हैं: युवा शूटर शिवा नरवाल

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भारत के उभरते हुए शीर्ष निशानेबाजों में से एक एथलीट शिवा नरवाल जिस खेल से संबंध रखते हैं, उसके लिए संजीदा होना जरूरी है। यह संजीदगी शिवा जैसे एथलीट को स्पष्ट सोच देती है। शिवा मानते हैं कि प्लेटफार्म चाहें खेलो इंडिया यूथ गेम्स का हो या फिर विश्व चेंपियनशिप का, वहाँ पहुँच कर यही सोचना चाहिए कि आपके सामने या बगल में खड़ा खिलाड़ी छोटा या बड़ा, नया या पुराना नहीं बल्कि बराबर है। शिवा अपने तीसरे खेलो इंडिया यूथ गेम्स के लिए तैयार हैं। इन खेलों के 2020 संस्करण और फिर 2021 संस्करण में शिवा ने गोल्ड जीता था। अब गोल्ड की हैट्रिक लगाने के लिए तैयार हैं।

पिछले साल मिस्र विश्व चेंपियनशिप में शिवा का सीनियर डेब्यू हुआ था, लेकिन वह निराश लौटे थे। हालांकि वह 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट के फाइनल में पहुँचे थे। वे अपने परफार्मेंस से खुश नहीं हैं क्योंकि वह मानते हैं कि बड़े प्लेटफार्म पर जाकर वह विचलित हो गए थे।

इसके बाद शिवा ने एशियन एयर गन चेंपियनशिप में गोल्ड जीत कर इसकी भरपाई की। खेलो इंडिया यूथ गेम्स को लेकर शिवा कहते हैं कि मेरा प्रयास सोना जीतने का होगा। मैं इसे लेकर आश्वस्त नहीं हूँ क्योंकि खेल में सब बराबर होते हैं। मैं पूरी तैयारी से भोपाल पहुँचूँगा। यह एक ऐसा प्लेटफार्म है, जो खिलाड़ियों को घरेलू स्तर पर सीनियरों के साथ मंच साझा करने का मौका देता है। हर किसी को इसका लाभ लेना चाहिए।

शिवा ने कहा कि केन्द्र सरकार के खेल मंत्रालय द्वारा संचालित खेलो इंडिया यूथ गेम्स, भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) को भविष्य के सितारे चुनने का मौका देता है और यही इसका लक्ष्य भी है। शिवा ने कहा कि मैंने भी इस मंच का लाभ उठाया है। केन्द्र सरकार द्वारा एक इंटरनेशनल इवेंट की तरह सजाए जाने वाले इस मंच ने कइयों को पहचान दी है। आज इसकी बदौलत कई खिलाड़ी इंटरनेशनल स्तर पर चमक बिखेर रहे हैं। इनमें कई निशानेबाज भी हैं।

नई दिल्ली के कर्णी सिंह रेंज में प्रेक्टिस करने वाले शिवा ने नए खिलाड़ियों के लिए कहा कि ज्यादा इधर-उधर मत करो और अपना बेस्ट दो। एक एथलीट को अपने गेम पर फोकस करना चाहिए। इससे गेम भी हो जाएगा और आप अच्छा भी कर सकते हो।

खेलो इंडिया यूथ गेम्स का पाँचवाँ संस्करण इन दिनों मध्यप्रदेश में हो रहा है। इस साल वाटर स्पोर्ट्स को नए खेल के रूप में इसमें शामिल किया गया है। साथ ही पाँच पारंपरिक खेल भी इसकी शोभा बढ़ा रहे हैं। इनमें मध्यप्रदेश का राजकीय खेल मलखंभ भी है। म.प्र. के 8 शहर और नई दिल्ली में हो रहे 27 खेल में 6 हजार से अधिक खिलाड़ी भाग ले रहे हैं।