विशेष पिछड़ी जनजाति समूह विकास पर केन्द्रित योजना तैयार की जाए
राज्यपाल श्री पटेल की जनजाति कार्य विभाग के अधिकारियों के साथ चर्चा
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि जनजाति समाज का समान विकास समावेशी समाज का आधार है। शासन की योजनाओं का लाभ और सुविधाओं की उपलब्धता अन्य क्षेत्रों के समान जनजाति बहुल क्षेत्रों में होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जनजाति कार्य विभाग को विशेष पिछड़ी जनजाति समूह के लिए बेहतर स्वास्थ, शिक्षा और जीवन स्तर को ऊपर उठाने के प्रयासों पर और अधिक फोकस करना चाहिए। इस संबंध में केन्द्र सरकार के समक्ष विशेष प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
राज्यपाल श्री पटेल सोमवार को जनजाति कार्य विभाग के अधिकारियों के साथ चर्चा कर रहे थे। उनके समक्ष आयुक्त जनजाति कार्य और स्वास्थ विभाग द्वारा संपूर्ण स्वास्थ्य कार्यक्रम पायलट प्रोजेक्ट के संबंध में जानकारियों का प्रस्तुतिकरण दिया गया।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि उन्होंने प्रदेश के सभी 52 जिलों का भ्रमण किया है। जनजाति बहुल क्षेत्र में सरकार की योजनाओं, जन-कल्याण के कार्यक्रमों और जनसुविधा के कार्यों का और बेहतर क्रियान्वयन करने की आवश्यकता है। इसके लिये जनजाति कार्य विभाग विशेष पहल करे। उन्होंने कहा कि विभाग स्वीकृत बजट से अधिक राशि व्यय के लक्ष्य के साथ कार्य करे। राशि के उपयोग की त्रैमासिक समीक्षा की जाये। उन्होंने जनजाति प्रकोष्ठ को इस संबंध में सभी संबंधित विभागों की निरंतर मॉनिटरिंग करने के लिए निर्देशित किया।
जनजाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष श्री दीपक खांडेकर ने कहा कि जनजाति क्षेत्रों में स्कूलों में ड्राप आऊट की स्थिति की जानकारी ली जाए। ड्राप आऊट के कारणों का गंभीरतापूर्वक अध्ययन किया जाये। ड्राप आऊट को कम करने वालों को प्रोत्साहित किया जाए और अपेक्षाकृत परिणाम नहीं देने वालों का मार्गदर्शन किया जाए। जनजाति समुदाय के लिए बेहतर शिक्षा और रोजगार के प्रयासों में जनजाति बच्चों एवं युवाओं को मार्गदर्शन देने की पहल की जाए। विभाग द्वारा निर्माण कार्यों की गति को और अधिक बढ़ाया जाये। इससे केन्द्र सरकार से प्राप्त राशि का अधिकतम उपयोग किया जा सकेगा।
प्रमुख सचिव जनजाति कार्य श्रीमती पल्लवी जैन गोविल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा जनजाति समुदाय के बच्चों को कोचिंग देने की आकांक्षा योजना को बड़े स्वरूप में क्रियान्वित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना में मूलभूत सुविधाओं के लिए 2 करोड़ रूपये तक का अनुदान देने की नई योजना के तहत 8 परियोजनाओं को स्वीकृत किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के जनजाति क्षेत्रों के विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती की कार्यवाही तीव्र गति से प्रचलित है। आगामी शिक्षा सत्र से पूर्व प्राथमिक शालाओं में शिक्षकों के सभी पदों पर नियुक्ति का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।
राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री डी.पी. आहूजा, आयुक्त जनजाति कार्य श्री संजीव सिंह, राज्यपाल के उपसचिव श्री स्वरोचिष सोमवंशी, संचालक जनजाति क्षेत्र विकास योजना सुश्री सोनिया मीना, अपर आयुक्त जनजाति कार्य श्री के.जी. तिवारी, उपसचिव जनजाति कार्य श्रीमती दिशा नागवंशी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।