किसी जातक की कुंडली में शनि की पोजिशन खराब होती है तो उस व्यक्ति को शारीरिक, आर्थिक, मानसिक और अन्य दूसरी तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
ज्योतिष शास्त्र में सभी ग्रहों की विशेष महत्व होता है लेकिन व्यक्ति के जीवन में सबसे ज्यादा अगर कोई ग्रह प्रभाव डालता है तो वह शनि ग्रह होता है। शनि ग्रह सभी ग्रहों में एक महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। शनि ग्रह सबसे धीमी चाल से चलने वाला ग्रह होता है जिस कारण इसका शुभ-अशुभ प्रभाव सबसे ज्यादा समय तक रहता है। शनि ग्रह किसी एक राशि में करीब ढाई वर्षों तक रहते हैं। शनि व्यक्ति को उसके द्वारा किए गए कर्मों के आधार पर फल प्रदान करते हैं। शनि की दशा, महादशा, शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और शनि दोष का प्रभाव व्यक्ति के ऊपर देखने को मिलता है। अगर किसी जाताक की कुंडली में शनि शुभ होते हैं तो वह व्यक्ति अपने जीवन काल में बहुत तरक्की और सम्मान प्राप्त करता है। वहीं अगर किसी जातक की कुंडली में शनि की पोजिशन खराब होती है तो उस व्यक्ति को शारीरिक, आर्थिक, मानसिक और अन्य दूसरी तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जब भी शनि व्यक्ति के लिए खराब होता है तो उसे तमाम तरह की चुनौतियों के साथ-साथ कुछ नए अवसरों की भी प्राप्ति होती है।