गणेश चतुर्थी के खास महोत्सव में दूर्वा अष्टमी का खास महत्त्व होता है. इस दिन आपको एक यह उपाय करने से आर्थिक तंगी से राहत भी मिल सकती है.
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष में गणेश चतुर्थी का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. गणेश जी की पूजा में दूर्वा घास का उपयोग होता है.दूर्वा अष्टमी के दिन भगवान गणेश की पूजा जरुर करनी चाहिए जानते हैं कैसे |
22 सितंबर 2023 को दोपहर 1:35 बजे से दूर्वा अष्टमी की तिथि शुरु हो रही है ये 23 सितंबर को दोपहर 12:17 बजे तक रहेगी.
जो लोग शुक्ल पक्ष की उदय तिथि के अनुसार पूजा करना चाहते हैं उनके लिए दुर्वा अष्टमी का 23 सितंबर को है.
जो लोग इस दिन व्रत रखना चाहते हैं वो दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें.
– नए वस्त्र धारण कर गणेश जी की प्रतिमा के सामने देसी घी का दीपक जगाएं.
– पूजा करते समय व्रत का संकल्प लेते हुए गणपति जी को फल, फूल, माला, चावल, धूप और दीपक अर्पित करें
– इसे बाद दूर्वा घास अर्पित करें और साथ में मीठी रोटी का भोग भी भगवान को लगाएं.
– गणेश जी की आरती करें और उसके बाद भगवान शिव की पूजा करना भी ना भूलें.
दूर्वा अष्टमी का महाउपाय
. गणेश जी को दूर्वा घास अर्पित करते समय आप 108 बार गणेश गायत्री मंत्र ” ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात्”। का जाप करें.
जाप पूरा होने के बाद आप उसने अपनी मनोकामना कहकर आशीर्वाद लें.
गणपति बप्पा की कृपा से आपके घर में चारों ओर से खुशियां आनी शुरु हो जाएंगी.|