पितृ अमावस्या के दिन नवरात्रि आरंभ से ठीक एक दिन पहले 14 अक्टूबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगने वाला है। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जिसेइस सूर्य ग्रहण को रिंग ऑफ फायर भी कहा जा रहा है। यह ग्रहण कन्या राशि में लगेगा। सूर्य इस वक्त कन्या राशि में गोचर कर रहे हैं। ग्रहण के वक्त सूर्य, बुध और चंद्रमा तीनों ही कन्या राशि में होंगे। यह अपने आप में एक दुर्लभ ज्योतिषीय घटना है। आइए आपको बताते हैं ग्रहण का सूतक काल और अन्य जरूरी की बातें। पंचांग के अनुसार यह ग्रहण रात को 8 बजकर 34 मिनट पर लगेगा और देर रात 2 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगा। जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आता है तो सूर्य ग्रहण लगता है। यह एक खगोलीय घटना है, लेकिन ज्योतिष में भी इसका खास महत्व माना जाता है।
सूर्य ग्रहण का सूतक काल
भारत में यह सूर्य ग्रहण नहीं दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी नहीं मान्य होगा। जिन स्थानों पर यह सूर्य ग्रहण दिखाई देगा उन स्थानों पर सूतक काल मान्य होगा। ग्रहण का सूतक काल ग्रहण के आरंभ होने से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है। इसलिए इसका सूतक काल सुबह काल सुबह 8 बजकर 34 मिनट पर आरंभ हो जाएगा और इसकी समाप्ति ग्रहण के समाप्त होने के साथ ही होगी।
सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा। यह ग्रहण मेक्सिको, ग्वाटेमाला, कोलंबिया, क्यूबा, इक्वाडोर, अमेरिका, ब्राजील और ग्रीनलैंड में दिखाई देगा।
इन राशियों के लिए शुभ होगा सूर्य ग्रहण
नवरात्रि से ठीक एक दिन पहले लगने वाला यह ग्रहण मिथुन, सिंह, तुला, वृश्चिक और मकर राशि के लोगों के लिए शुभ फल देने वाला माना जा रहा है।
इन राशियों के लिए अशुभ होगा सूर्य ग्रहण
यह सूर्य ग्रहण मेष, वृष, कर्क, कन्या और कुंभ राशि वालों के लिए अच्छा नहीं माना जा रहा है। ग्रहण की वजह से इन राशियों के लोगों को अपने जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।