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कार्तिक माह के क्या है नियम,  कार्तिक माह कब से होगा शुरू ? इसमें स्नान-दान का महत्व |

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अश्विन माह के बाद कार्तिक का महीना शुरू हो जाता है. ये माह भगवान विष्णु को समर्पित है. कार्तिक के महीने में स्नान दान और उपवास करने से सभी कष्टों से मुक्ति बहुत आसानी से मिल जाती है. इस महीने में भगवान शिव और विष्णु तथा कार्तिकेय और तुलसी की पूजा का विधान है.अक्षय पुण्य की प्राप्ति के लिए इस महीने में मां लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है

इस साल कार्तिक माह 29 अक्टूबर 2023 मतलब आज से शुरू हो गया है. इसका समापन कार्तिक पूर्णिमा पर 27 नवंबर 2023 को होगा. कार्तिक माह में तप और व्रत का माह है, इस माह में भगवान की भक्ती और पूजा अर्चना करने से मनुष्य की सारी इच्छाएं पूर्ण होती हैं.

कार्तिक माह में स्नान का महत्व

स्कंद पुराण मेंके अनुसार, भगवान विष्णु और विष्णु तीर्थ के समान ही कार्तिक माह भी श्रेष्ठ और दुर्लभ है.

कार्तिक पूर्णिमा के दिन महादेव ने त्रिपुरासुरों राक्षस का वध किया था और भगवान विष्णु ने मत्स्यावतार लिया था. कार्तिक महीने में भगवान विष्णु मत्स्यावतार लेकर जल में रहते हैं. ऐसे में कार्तिक के पूरे महीने सूर्योदय से पूर्व नदी या तालाब में स्नान करने और दान करने से बैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है. वह पाप मुक्त हो जाता है. कहते हैं स्वंय देवतागण भी कार्तिक माह में गंगा में स्नान करने धरती पर आते हैं.

कार्तिक माह के नियम

  • कार्तिक महीने में सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र नदी के जल से स्नान करें. किसी नदी में स्नान भी कर सकेत हैं. इससे मोक्ष प्राप्त होता है. पाप धुल जाते हैं.
  • खाली पेट पानी के साथ तुलसी के कुछ पत्ते खाएं. मान्यता है इससे सालभर बीमारियों से राहत रहती है.
  • कार्तिक के महीने में रोजाना तुलसी के नीचे दीपक लगाएं और परिक्रमा करें. इससे धन लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं.
  • कार्तिक माह में दिया गया दान जैसे अन्न, ऊनी वस्त्र, तिल, दीपदान, आंवला दान करने से हर तरफ से लक्ष्मी की कृपा मिलती है.
  • इस महीने में मूली, कंद, गाजर, गराडू, शकरकंद खाना सेहत के लिए अच्छा होता है. इससे व्यक्ति निरोगी रहता है.
  • कार्तिक के महीने में शरद ऋतु शुरू होती है. दो बदलते मौसम के बीच का समय होने से इन दिनों सेहत संबंधी परेशानी भी होने लगती है. ऐसे में कार्तिक महीने के दौरान बैंगन, मठ्ठा, करेला, दही, जीरा, फलियां और दालें नहीं खानी चाहिए.
  • कार्तिक के महीने में श्रीहरि जल में निवास करते हैं इसलिए भूलकर भी मछली या फिर अन्‍य प्रकार की तामसिक चीजें ग्रहण न करें.