कालसर्प दोष अत्यंत कष्टदायक होता है। इस दोष के कारण व्यक्ति को जीवनभर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। काल सर्प योग जातक द्वारा पूर्व जन्म में किए गए अपराध का एक तरीके से शाप है। वहीं, जन्म कुंडली में जब राहु-केतु कुंडली में एक दूसरे के सामने होते हैं। अन्य ग्रह उनके बीच आ जाते हैं तो अशुभ ग्रह जातक के जीवन में परेशानियां उत्पन्न करते हैं। इस स्थिति को कालसर्प दोष कहा जाता है। ऐसी दशा में शख्स आर्थिक और शारीरिक रूप से परेशान रहता है। संतान संबंधी कष्ट भी भोगना पड़ता है। कालसर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए कालसर्प की पूजा की जाती है।
नासिक में स्थित त्र्यंबकेश्वर मंदिर और उज्जैन महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग कालसर्प दोष से मुक्ति पाने का सबसे प्रसिद्ध स्थान है। 12 ज्योतिर्लिंगों में से महाकालेश्व और त्र्यंबकेश्वर का बहुत महत्व है। यहां हर साल लाखों जातक कालसर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए आते हैं।
1. अनन्त कालसर्प योग
2. कुलिक कालसर्प योग
3. वासुकि कालसर्प योग
4. शंखपाल कालसर्प योग
5. पद्म कालसर्प योग
6. महापद्म कालसर्प योग
7. कर्कोटक कालसर्प दोष
8. तक्षक कालसर्प दोष
9. शंखचूड़ कालसर्प दोष
10. घातक कालसर्प दोष
11. विषधर कालसर्प योग
12. शेषनाग कालसर्प दोष
आचार्य अशोक भारद्वाज
9893250809