नाकों पर वाहनों की सघन जांच तथा निर्वाचन नियमों का सख्ती से पालन करायें
भोपाल एवं नमर्दापुरम संभाग के जिलों की निर्वाचन तैयारियों की समीक्षा
स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी निर्वाचन के लिये शिकायत निराकरण की व्यवस्था को सुदृढ़ बनायें तथा निर्वाचन सबंधी अपराधों पर सख्ती से कार्रवाई करें। निर्वाचन संबंधी शिकायतों के गुणवत्ता पूर्ण निराकरण के लिये जरूरी है कि जिला निर्वाचन अधिकारी इसकी सतत मानिटरिंग करें। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री अनुपम राजन ने यह निर्देश शनिवार को कमिश्नर सभाकक्ष भोपाल में पहले सत्र में भोपाल एवं नर्मदापुरम संभाग के जिलों में लोकसभा निर्वाचन की तैयारियों की समीक्षा के दौरान दिये। उन्होंने गर्मी को देखते हुये मतदान केंद्रों पर टेंट, मेडिकल किट और पानी जैसी जरूरी व्यवस्थायें करने तथा सेक्टर अधिकारियों के पास मेडिकल किट एवं दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि मतदान दल एवं सुरक्षा कर्मियों के लिये भी ओआरएस और अन्य जरूरी दवाइयों की व्यवस्था करें। श्री राजन ने समय पर मतदाता पर्ची वितरण के निर्देश दिये।
वेयरहाउस एवं अन्य भण्डार-गृहों का करें निरीक्षण
श्री राजन ने कहा कि वेयरहाउस एवं अन्य भण्डार-गृहों का निरीक्षण करें, जहां पर अवैध शराब आदि का भण्डारण हो सकता है। श्री राजन ने कहा कि पुलिस बल भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित एसओपी का पालन करें। उन्होंने ऐसे प्रत्येक व्यक्ति पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करने की हिदायत दी जो चुनावी प्रक्रिया के दौरान अशांति पैदा करने का प्रयास कर सकते हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आपराधिक तत्वों के विरुद्ध अभी तक की गई कार्रवाई की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि संवेदनशील और वल्नरेबल क्षेत्रों में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त करने के साथ ही मतदाताओं को डराने, धमकाने या प्रलोभन देने की शिकायतों अथवा सूचनाओं पर तत्काल और सख्त कार्रवाई करें।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने चेक पोस्ट पर और सख्ती बरतने तथा वाहनों की सघन तलाशी करने के निर्देश दिये। उन्होंने मतदान के 48 घण्टे पूर्व की एसओपी का भी कड़ाई से पालन कराने को कहा। श्री राजन ने कहा कि सुचारू मतदान के लिये जिला निर्वाचन अधिकारी और पुलिस अधीक्षक ऐसी लोकेशन का स्वयं जाकर निरीक्षण करें, जहां एक से अधिक मतदान केंद्र हैं। उन्होंने वल्नरेबल और क्रिटिकल मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े उपाय करने की आवश्यकता पर जोर देते हुये कहा कि निर्वाचन आयोग ने आवश्यकता अनुसार बेवकास्टिंग के लिये कुल मतदान केन्द्रों की संख्या के 75 प्रतिशत के बराबर कैमरे लगाने की अनुमति अब प्रदान कर दी है। बेवकास्टिंग के लिये कैमरे मतदान केंद्र के भीतर और बाहर भी लगाये जा सकेंगे।
श्री राजन ने संभाग के प्रत्येक जिले में निर्वाचन नियमों के उल्लंघन के अभी तक दर्ज हुये प्रकरणों, आपराधिक तत्वों के विरुद्ध की गई प्रतिबन्धात्मक कार्यवाही की जानकारी भी ली। उन्होंने निर्वाचन की प्रक्रिया के दौरान बड़ी मात्रा में नकदी, बहुमूल्य धातुओं और निषिद्ध वस्तुओं के परिवहन को रोकने, चेक पोस्ट पर वाहनों की सघन तलाशी लेने पर बल दिया।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने “सी-विजिल एप” का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश भी सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को दिये, ताकि आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला सामने आने पर नागरिक तत्काल मौके से ही उसकी शिकायत मोबाइल एप से कर सकें। श्री राजन ने बैठक में मतदान दिवस की तैयारियों की जिले वार समीक्षा भी की। उन्होंने 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं एवं दिव्यांग मतदाताओं को मतदान की सुविधा संबंधी व्यवस्थाओं के भी व्यापक प्रचार के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि ऐसे निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान दलों के साथ-साथ सेक्टर अधिकारियों को भी ईव्हीएम और व्हीव्हीपेट मशीनों को आपस में कनेक्ट करने हैड्स ऑन ट्रेनिंग दी जाये।
मतदान प्रतिशत बढ़ाने करें प्रयास
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बैठक में मतदान का प्रतिशत बढ़ाने जिलों में चलाई जा रही स्वीप गतिविधियों का ब्यौरा लिया। उन्होंने ग्रीष्मकाल में मतदाताओं को मतदान केंद्र आकर वोट डालने के लिये प्रेरित करने के लिये स्वीप की गतिविधियों को व्यापक स्वरूप देने के निर्देश दिये। श्री राजन ने मतदान केंद्र के समीप वाहनों की पार्किंग व्यवस्थायें करने पर जोर दिया। उन्होंने शहरी क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा मॉडल बूथ बनाने तथा मतदाताओं को मतदान के लिये प्रोत्साहित करने विभिन्न सामाजिक एवं व्यावसायिक संगठनों की सहभागिता से स्वीप की गतिविधियां आयोजित करने के निर्देश दिये। उन्होंने ऐसे क्षेत्रों में मतदाताओं को जागरूक करने “दस्तक अभियान” जैसे विशेष अभियान चलाने पर जोर दिया, जहां पूर्व में हुए निर्वाचनों में औसत से कम मतदान हुआ था। श्री राजन ने कहा कि मतदान प्रतिशत गत विधानसभा चुनाव से अधिक होना चाहिए। उन्होंने मतदाताओं को दी जाने वाली वोटर-स्लिप और एएसडी सूची तैयार किये जाने पर भी चर्चा की। निर्वाचन से जुड़ी प्रत्येक गतिविधि की वीडियोग्राफी भी कराई जाये। उम्मीदवारों के निर्वाचन व्यय पर निगरानी रखने के लिये गठित दलों की गतिविधियों पर भी बैठक में चर्चा की गई।
पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था एवं सुरक्षा तथा राज्य पुलिस नोडल अधिकारी श्री अंशुमान सिंह ने कहा कि चुनाव में उपयोग किए जाने वाले वाहनों का फिटनेस टेस्ट करा लें। वाहनों की कंडीशन अच्छी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुनिश्चित करें कि जिसको जिलाबदर कर रहे हैं, वह जिले में नहीं रहे। पुलिस कार्यवाही का व्यापक प्रचार प्रसार भी करें। मतदान एवं मतगणना के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करें। छोटी से छोटी घटना को भी नजरअंदाज नहीं करें।
बैठक में संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश श्री विवेक श्रोत्रिय, आयुक्त भोपाल संभाग डॉ. पवन शर्मा, पुलिस कमिश्नर भोपाल श्री हरिनारायण चारी मिश्र, पुलिस महानिरीक्षक भोपाल, नर्मदापुरम सहित दोनों संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक मौजूद थे।