भोपाल
लंबे समय से न्याय और मुआवजे की मांग कर रहे भोपाल गैस कांड पीड़ितों के लिए राहत भरी खबर है।सरकार ने गैस कांड पीड़ितों को आयुष्मान योजना में शामिल करने का फैसला किया है।इसके लिए प्रदेश सरकार केंद्र सरकार को जल्द प्रस्ताव भेजेगी।खास बात ये है कि अगले महिने इस भीषण गैस त्रासदी को 35 साल पूरे हो जाएंगें, ऐसे में सरकार का ये कदम पीड़ितों के घावों भरने में काफी हद तक सहायक होगा।
इसमें भोपाल गैस कांड के लगभग 5 लाख पीड़ितों को शामिल किया जाएगा। बताया जा रहा है कि गैस राहत अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के चलते प्रदेश सरकार ने ये फैसला लिया है।प्रस्ताव तैयार करने को लेकर सरकार ने तैयारियां शुरु कर दी है। जल्द ही प्रस्ताव केन्द्र के पास भेजा जाएगा, ताकी पीड़ितों को इसका लाभ मिल सके। इस ऐलान के बाद लाखों गैस पीड़ितों को बड़ी राहत मिलेगी।
भोपाल गैस त्रासदी, मानव इतिहास में अबतक विश्व की सबसे भयावह और दर्दनाक ओद्योगिक त्रासदी में से एक है। त्रासदी के पीड़ितों के लिए ये एक ऐसा जख्म है जो 34 साल बाद आज भी लोगों के जेहन में ताजा है। 33 साल पहले, 2 दिसंबर, 1984 की रात को भोपाल में यूनियन कार्बाइड की फैक्टरी से निकली कम से कम 30 टन अत्यधिक जहरीले गैस मिथाइल आइसोसाइनेट ने हजारों लोगों की जान ले ली थीं। इतना ही नही इससे लाखों लोग प्रभावित हुए थे, जो आज भी बीमारियों का दंश झेल रहे हैं। इसके अलावा डॉक्टरों की कमी के चलते यहां न तो गैस पीडि़तों के बेहतर इलाज की व्यवस्था है और न ही पुनर्वास की।इसी के चलते सरकार ने पीडितो को राहत देने के लिए बड़ा कदम उठाया है।