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सतत एवं निर्वाध विद्युत आपूर्ति ही हमारा ध्येय

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प्रदेश के हर बिजली उपभोक्ता को सतत एवं निर्वाध विद्युत आपूर्ति ही हमारी सरकार का ध्येय है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के कुशल मार्गदर्शन में हमारा विभाग लगातार उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण बिजली उपलब्ध कराने के साथ ही उनकी समस्याओं का त्वरित निराकरण भी कर रहा है। इसी का परिणाम है कि सीएम हेल्पलाइन पोर्टल में प्राप्त शिकायतों के निराकरण में ऊर्जा विभाग अव्वल है।

प्रदेश के घरेलू एवं कृषि उपभोक्ताओं को विगत वर्षों की तरह वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिये लागू टैरिफ दरों में राहत देने के लिये बिजली कंपनियों को अनुमानित 24 हजार 420 करोड़ 8 लाख रूपये की सब्सिडी देने का निर्णय राज्य शासन द्वारा लिया गया है। यह सब्सिडी अटल गृह ज्योति योजना, अटल कृषि ज्योति योजना, टैरिफ सब्सिडी और नि:शुल्क विद्युत प्रदाय योजना में दी जायेगी।

मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के ताप विद्युत गृहों द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 में अब तक का सर्वाधिक 28627 मिलि‍यन यूनिट विद्युत उत्पादन कर नया रिकार्ड बनाया गया है। यह पावर जनरेटिंग कंपनी के इतिहास का सर्वाधि‍क ताप विद्युत उत्पादन है। ताप विद्युत गृहों द्वारा विभिन्न मापदंडों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया गया। ताप विद्युत गृहों का इस दौरान प्लांट लोड फेक्टर (पीएलएफ) 60.3 प्रतिशत रहा, जो वर्ष 2019-20 के पश्चात् सर्वाधिक है। वित्तीय वर्ष 23-24 के दौरान 13 थर्मल इकाइयों ने लगातार 100 दिनों एवं अधिक सतत् व निर्बाध विद्युत उत्पादन किया, जिनमें से दो इकाइयों ने 200 दिनों से अधिक समय तक विद्युत उत्पादन किया।

राज्य शासन के निर्णयानुसार मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा अब उपभोक्ताओं को एक ही परिसर में पृथक-पृथक रहने पर एक से अधिक बिजली कनेक्शन प्रदान करने की सुविधा कुछ शर्तों के आधार पर कराई जा रही है। ऐसे आवेदक जो एक ही परिसर में निवास कर रहे हैं लेकिन अलग-अलग रहते हैं, तो उनके द्वारा अलग बिजली कनेक्शन का आवेदन करने पर उन्हें नवीन कनेक्शन दिया जा रहा है।

प्रदेश में बिजली अधोसंरचना का लगातार विकास हो रहा है। वर्तमान में 33 के. वी. लाइंस 61 हजार 162 किलोमीटर हो गई है। 33 के.वी. लाइंस वर्ष 2003 में 29 हजार 70 किलोमीटर, वर्ष 2008 में 33 हजार 913 , वर्ष 2011 में 38 हजार 867, वर्ष 2013 में 41 हजार 528, वर्ष 2014 में 43 हजार 910 और वर्ष 2024 में 61 हजार 162 किलोमीटर हो गई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में मार्च 2024 तक 3165 किलोमीटर 11 केव्ही लाइन का विस्तार किया गया है। यह क्रम लगातार जारी है।

मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई के अभियंताओं व कार्मिकों के समर्पण, कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता ने 210 मेगावाट स्थापित क्षमता की यूनिट को लगातार 300 दिन तक संचालित करने में सफलता हासिल की है। यह विद्युत यूनिट की स्थापना के बाद सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

इसी तरह श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह दोंगलिया (एसएसटीपीपी खंडवा) के अभियंताओं व कार्मिकों ने एक बार फिर कमाल दिखाते हुए 660 मेगावाट स्थापित क्षमता की यूनिट नंबर 3 को 200 दिन तक संचालित करने में सफलता हासिल की है।

बिजली आपूर्ति व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिये अधोसंरचना निर्माण के उल्लेखनीय कार्य किये गये हैं। ट्रांसमिशन व्यवस्था मजबूत करने के लिये वित्तीय वर्ष 2023-24 में 14 अति उच्चदाब उप केन्द्रों की स्थापना की गई है। साथ ही 26 अति उच्चदाब पॉवर ट्रांसफार्मर ऊर्जीकृत किये गये हैं। कुल 818.170 सर्किट किलोमीटर अति उच्चदाब लाइन का निर्माण भी किया गया है। यही नहीं 25 अतिरिक्त अति उच्चदाब पॉवर ट्रांसफार्मर की स्थापना एवं 40 अति उच्चदाब पॉवर ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि कर अति उच्चदाब उप केन्द्रों की क्षमता में 4630 एमव्हीए की वृद्धि भी की गई है।

किसानों को शीघ्र स्थायी सिंचाई पंप कनेक्शन दिये जाने के उद्देश्य से स्वयं का ट्रांसफार्मर लगाये जाने की योजना लागू की गई है। योजना में किसान स्वयं अथवा समूह में निर्धारित मापदंड के अनुसार ट्रांसफार्मर स्थापित कर सकते हैं। योजना में वर्ष 2023-24 में एक लाख 30 हजार 303 ट्रांसफार्मर स्थापित किये जा चुके हैं।

ऊर्जा विभाग की महत्वाकांक्षी योजना अटल गृह ज्योति योजना में एक करोड़ से अधिक बिजली उपभोक्ताओं को और 26 लाख 59 हजार उपभोक्ताओं को अटल कृषि ज्योति योजना में लाभान्वित किया जा रहा है। अटल गृह ज्योति योजना में प्रदेश के ऐसे सभी घरेलू उपभोक्ताओं को योजना का लाभ दिया जा रहा है, जिनकी मासिक खपत 150 यूनिट तक है।

अटल कृषि ज्योति योजना में 10 हार्स पॉवर तक के मीटर रहित स्थाई कृषि पंप कनेक्शनों को 750 रूपये प्रति हार्स पॉवर प्रतिवर्ष एवं 10 हार्स पॉवर से अधिक के मीटर रहित स्थाई कृषि पंप कनेक्शनों को 1500 रूपये प्रति हार्स पॉवर प्रतिवर्ष की फ्लेट दर से बिजली दी जा रही है। साथ ही 10 हार्स पॉवर तक के मीटरयुक्त स्थाई कृषि पंप कनेक्शन एवं अस्थाई कृषि पंप कनेक्शनों को भी ऊर्जा प्रभार में रियायत दी गई है।

विद्युत संबंधी विषयों के त्वरित निराकरण के लिए विभिन्न विभागों से समन्वय के लिये राज्य स्तरीय विद्युत अंतर्विभागीय समिति का गठन किया गया है। समिति उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत उपभोग की प्रवृत्ति में सकारात्मक परिवर्तन करने और प्रभावी राजस्व प्रबंधन में सहयोग करेगी। इसके अतिरिक्त समिति विद्युत उपभोक्ताओं के संबंध में पृथक-पृथक शासकीय विभागों द्वारा संधारित जानकारी एकत्रित करेगी, जिसमें डाटा एनालिसिस के आधार पर सक्षम व समर्थ उपभोक्ताओं की पहचान की जा सकेगी। जिनके द्वारा जानबूझकर विद्युत बकाया का भुगतान नहीं किया जा रहा है अथवा अन्य पद्धतियों से विद्युत बिल अनियमित तरीके से कम किया जा रहा है, की पहचान करेगी। विद्युत चोरी पकडने एवं बकाया राशि की वसूली के दौरान विद्युत कार्मिकों के साथ अभद्र व्यवहार की स्थिति में त्वरित वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित कर सुरक्षा प्रदान करने में सहयोग करेगी। समिति शासकीय विभागों व शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों पर विद्युत कंपनी की बकाया राशि का भुगतान सुनिश्चित करेगी। समिति अवैध कॉलोनियों सहित अन्य रहवासी क्षेत्रों में विद्युत चोरी की रोकथाम के लिये जागरूकता अभियान तथा विद्युत अधोसंरचना के विकास के लिये प्रभावी कार्रवाई भी करेगी।

शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सप्लाई संबंधी, जले/खराब ट्रांसफार्मरों व विद्युत लाइन अवरोधों एवं गलत देयकों की शिकायतों को दर्ज कर समय-सीमा में निराकरण किया गया। जबलपुर, भोपाल एवं इन्दौर में स्थापित केन्द्रीयकृत 1912 कॉल सेंटर सेवा को सुदृढ़ किया गया है। जनवरी 2019 से मार्च 2024 तक विद्युत प्रदाय संबंधी 1 करोड़ 79 लाख 45 हजार 164 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इन सभी शिकायतों को निराकृत किया गया है।

शिकायतों के निराकरण उपरांत समीक्षा की व्यवस्था प्रारंभ की गई है। इसके तहत तीनों कॉल सेंटर से प्रति कंपनी प्रतिदिन 500 शिकायतकर्ताओं से संपर्क कर उनकी संतुष्टि जांच की जाती है। उपभोक्ता संतुष्टि प्रतिशत 98.75 पाया गया।

प्रदेश में औद्योगिक व उच्च दाब (एचटी) विद्युत उपभोक्ताओं, निम्न दाब (एलटी) औद्योगिक और गैर घरेलू उपभोक्ताओं (जिनका लोड 10 किलोवाट से अधिक है) के लिए नये विद्युत टैरिफ में दिन के समय में (सौर ऊर्जा अवधि के घंटों के दौरान) सुबह 9 से शाम 5 बजे तक की गयी खपत पर ऊर्जा प्रभार में 20 प्रतिशत की छूट तथा शाम 5 से रात्रि‍10 बजे के दौरान की गयी ऊर्जा खपत पर 20 प्रतिशत का सरचार्ज लागू किया गया है। इससे उपभोक्ताओं को दिन के समय खपत करने पर उनके विद्युत देयकों में कमी आयी है, साथ ही उच्चतम मांग अवधि के दौरान कोयला आधारित विद्युत की मांग पर नियंत्रण हो रहा है। उन्होंने बताया है कि विद्युत वितरण कंपनियों की इस योजना से प्रदेश के कुल 10025 औद्योगिक एवं उच्च दाब उपभोक्ता लाभान्वि‍त हुए हैं। इनको प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा अप्रैल से अब तक 310 करोड़ 66 लाख रूपए का रिबेट प्रदान किया गया है।

प्रदेश की घोषित एवं अघोषित अवैध कॉलोनियों के रहवासियों को स्थायी विद्युत कनेक्शन देने के लिये आवश्यक अधोसंरचना निर्माण की लागत के भुगतान में राहत देने हेतु “सुगम विद्युत (सुविधा) योजना-2024” लागू की गई है। योजना में आवेदक या आवेदकों के समूह को निर्धारित राशि का न्यूनतम 25 प्रतिशत आवेदन के साथ एकमुश्त देना होगा। शेष राशि का भुगतान कनेक्शन चालू होने के बाद मासिक बिल के साथ ब्याज सहित किया जा सकेगा।

प्रदेश के उच्चदाब एवं निम्नदाब श्रेणी के औद्योगिक एवं वाणिज्यिक उपभोक्ताओं की सुविधा के लिये स्थायी रूप से विच्छेदित विद्युत कनेक्शनों को पुन: जोड़ने एवं बकाया राशि के भुगतान में राहत तथा नवीन औद्योगिक एवं वाणिज्यिक आवेदकों को आवश्यक अधोसंरचना निर्माण की लागत के भुगतान में राहत देने के लिये “उद्योग मित्र योजना-2024” लागू की गई है। यह योजना 2 वर्षों के लिये प्रभावशील रहेगी।

योजना में उपभोक्ताओं को स्थाई विच्छेदन के दिनांक पर देय कुल बकाया राशि का न्यूनतम 20 प्रतिशत भुगतान कनेक्शन जोड़ने के पूर्व एक मुश्त देना होगा। शेष राशि का भुगतान मासिक बिल के साथ ब्याज सहित अधिकतम 3 वर्ष में किया जा सकेगा।

लोक सेवा प्रबंधन विभाग द्वारा सीएम हेल्पलाइन पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों के निराकरण की स्थिति के आधार पर जारी ग्रेडिंग में ऊर्जा विभाग लगातार प्रथम स्थान पर बना हुआ है। ऊर्जा विभाग 52 विभागों की जारी ग्रेडिंग में जून 2023 से अगस्त 2024 तक लगातार प्रथम स्थान पर है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशानुसार संकल्प पत्र के तहत ऊर्जा विभाग भी करीब 4300 भर्ती करेगा। इसके लिए ऊर्जा विभाग ने मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर को भर्ती के लिए नोडल कंपनी नामित किया है। इन भर्तियों से सभी कंपनियों, विशेषकर वितरण कंपनियों में कार्मिकों की कमी काफी हद तक पूर्ण हो जाएगी। साथ ही उपभोक्ता सेवाओं में बढ़ोत्तरी होगी।