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मौनी अमावस्या 2025

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2025 में मौनी अमावस्या 29 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन लाखों श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान करने और धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेने के लिए एकत्रित होंगे। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। [4] शुभ मुहूर्त : सुबह 05:25 से सुबह 06:18

मौनी अमावस्या के शुभ दिन महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान किया जाएगा. प्रयागराज में आस्था की डुबकी लगाने और पुण्य प्राप्ति करने के लिए भारी संख्या में लोग पहुंचे हैं. वहीं ऐसे में कुछ गलतियों के चलते है व्यक्ति को पुण्य प्राप्त नहीं होता है.

मौनी अमावस्या पर संगम स्नान के नियम

  • मौनी अमावस्या पर महाकुंभ का स्नान करने से पहले व्यक्ति को मन,वाणी और शरीर को पवित्र करने का संकल्प लेना चाहिए.
  • स्नान के लिए पवित्र नदियों में सबसे पहले अपने हाथों में जल लेकर अर्पित करें और अपने सिर पर डाले उसके बाद ही संगम में प्रवेश करें. धार्मिक मान्यता के अनुसार, किसी भी पवित्र नदी में सीधे पैर नहीं डालना चाहिए. ऐसा करने से व्यक्ति स्नान का पुण्य नहीं मिलता है.
  • स्नान करने से पहले हाथ जोड़कर सूर्य देव को प्रणाम करें और डुबकी लगाते समय भगवान का ध्यान जरूर करें.
  • संगम में स्नान के समय भक्तों को साबुन या शैंपू का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने से पवित्र जल अशुद्ध होता है. संगम में स्नान के दौरान पांच से कम डुबकी नहीं लगानी चाहिए.
  • मान्यता है कि संगम में पांच डुबकी लगाने से ऐसा करने से व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा आती है. साथ ही देवी-देवताओं, गुरुओं और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. कहते हैं जो लोग ऐसा नहीं करते उन्हें ये पुण्य नहीं मिलते हैं. स्नान करते समय श्रद्धा और मन की शुद्धता के साथ स्नान करें.
  • नकारात्मक विचारों से दूर रहें. कहते हैं जो व्यक्ति ऐसा करता है उसे स्नान का पुण्य नहीं मिलता है.