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वेद मत से कोरोना निदान सम्भव है

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वेद मत से कोरोना निदान सम्भव है

९१ वे वर्ष बाद राहु तथा केतु अपनी उच्चा राशि में होकर शनि केतु की युति

जन व्याधि का कारण बनी है यह मेरे द्वारा दीवाली वर्ष फल के समय ही स्पष्ट लिख दिया गया था ,

धनु राशि में गुरु का अस्त होना दिनांक १४/१२/२०१९ के बाद प्रबल पाप ग्रहो का विकराल प्रभाव का उदय हो गया तथा कोरोना व्याधि चल पड़ी

                                     “कारण सहित बचाव उपचार”

गृह आकर्षण -विकर्षण प्रभाव से प्रकाश आभा द्वारा एवं गंध निक्षेपण द्वारा

समस्त चार अचर पदार्थो को प्रभावित करते है ,इसी सिद्धांत के आधार पर उपचार करना संभव है

१. राहु केतु की प्रिय गंध लोहभान एवं शनि की प्रियगंध कपूर मानी गई है

काली मिर्च केतु के धान्य स्वरुप मान्य है

अधिक विवरण प्रमाण न देकर निम्न उपाय बताए जा रहे है ये सर्वभोम रूप से सत्य व लाभकारी रहेंगे ,

कुटी हुई काली मिर्च में कपूर रख कर कोरे कपडे में बांध ले बै बै उससे सूंघते रहे संक्रमण का कोई भय नहीं रहेगा

2 शनि प्रिय गंध मुसकंबर इत्र तथा  केतु प्रिय गंध खस, इसका प्रयोग भी बड़ा सुरक्षा कारक प्रभाव देगा संक्रमत ठीक होंगे

३ नीच (मकर )राशिस्थ गुरु के कुप्रभाव (संक्रमण बचाव हेतु) देशी घी गाय या भैंस का घी में हल्दी डालकर खूब गर्म करे ,जब हल्दी जलने लगे तब छान क्र ठंडा कर के रख ले ,प्रतिदिन मुख हाथ पैर में लगावे  घंटे कोई संक्रमण बन ही नहीं सकेगा ,सर्वथा सत्य प्रयोग अवश्य अपना कर

शक भय से मुक्त होकर दैनिक कार्य करे

४.घर में कार्यालय में लोहभं तथा कपूर का धुंआ एक बार लगावे दस घंटे तक कोई कोई वायरस संक्रमण नहीं कर सकेगा

स्वस्थ रहे मस्त रहे ,हम भारतीय है हमारी संस्कृति अक्षुण्ण है विश्वास रखे ,प्रभु आपको आत्मबल प्रदान करे

डॉ.एस.एल. पचौरी

सचिव अखिल भारतीय ज्योतिष शोध संसथान बनारस.