कार्य में लापरवाही अथवा विलंब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वनाधिकार दावों के निराकरण संबंधी बैठक ली
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में अनुसूचित जनजाति वर्ग के प्रत्येक व्यक्ति को उनका जायज हक दिलवाने में किसी भी प्रकार की लापरवाही अथवा विलंब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रदेश में पूर्व में बड़ी संख्या में आदिवासियों के वनाधिकार पट्टों के दावों को अमान्य किया गया है, जो ठीक नहीं है। अधिकारी पूरी संवेदना एवं तत्परता के साथ एक-एक दावे का परीक्षण करें तथा प्रत्येक पात्र आदिवासी को वनाधिकार पट्टा दिलवाना सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय में आदिम जाति कल्याण विभाग की बैठक में वनाधिकार दावों के निराकरण की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में वन मंत्री श्री विजय शाह तथा उमरिया से वी.सी द्वारा आदिम जाति कल्याण, अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह शामिल हुए। इसके साथ ही बैठक में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव आदिम जाति कल्याण तथा प्रमुख सचिव वन श्री अशोक वर्णवाल उपस्थित थे।
आदिवासियों के बीच स्वयं जाऊँगा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वे स्वयं आदिवासियों के बीच जाकर इस बात का परीक्षण करेंगे कि किसी पात्र आदिवासी का वनाधिकार पट्टे का दावा निरस्त तो नहीं किया गया। यदि ऐसा पाया गया तो संबंधित अधिकारी के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने मंत्री श्री विजय शाह एवं सुश्री मीना सिंह से कहा कि वे भी जाकर वनाधिकार दावों संबंधी परीक्षण करें।
ग्राम वन अधिकार समितियों द्वारा 92 हजार 470 दावे निराकृत
बैठक में बताया गया कि ग्राम वन अधिकार समितियों द्वारा अभी तक लंबित एक लाख 67 हजार 108 दावों में से 92 हजार 470 दावों का निराकरण किया गया है। इन दावों में से 36 हजार 241 (39.19 प्रतिशत) दावों को मान्य किया गया है तथा 56 हजार 229 (60.8 प्रतिशत) दावों को अमान्य किया गया है। इस पर मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा नाराजगी जाहिर करते हुए निर्देश दिए गए कि एक-एक दावे का पुन: परीक्षण किया जाए। कोई भी पात्र आदिवासी वनाधिकार पट्टे से वंचित नहीं रहना चाहिए।