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मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की धान और अन्य खरीफ फसलों की उपार्जन व्यवस्थाओं की समीक्षा

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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में धान एवं अन्य फसलों की खरीदी की संबंध में की जा रही व्यवस्थाओं की समीक्षा की। बैठक में कृषि एवं खाद्य विभाग को निर्देशित किया गया कि खरीदी के लिए किसानों की सुविधानुसार आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएं। प्रदेश में किसानों द्वारा खरीफ की फसलों के विक्रय के लिए पंजीयन की कार्रवाई चल रही है। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में धान खरीदी के संबंध में विस्तृत निर्देश जारी किए जा रहे हैं। धान उत्पादक जिलों में विशेष व्यवस्था की जाएंगी। बैठक में धान की खरीदी, किसानों को राशि के भुगतान और उपार्जित धान के भंडारण के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि प्रदेश की मंडियों में धान, ज्वार तथा बाजरा की आवक पूर्व वर्ष से अधिक है, को देखते हुए जल्दी खरीदी प्रारंभ की जाए। पूर्व में निर्धारित की गई तिथियों के अनुसार धान उर्पाजन प्रारंभ होने की तिथि 25 नवम्बर और ज्वार एवं बाजरा की 15 नवंबर के स्थान पर और पहले से खरीदी की जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसानों को खरीदी कार्य में दिक्कत न हो, यह सुनिश्चित किया जाए। बैठक में बताया गया कि ग्वालियर तथा चंबल संभाग में जहां पर पतली (फाइन) किस्म की धान 1509 बोई जाती है, उसको भी खरीदा जाए और किसानों को समर्थन मूल्य का लाभ दिलवाया जाए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि किसान सुगमता से समर्थन मूल्य पर उपज का विक्रय कर सकें इसके लिए खरीफ उपार्जन में 600 केन्द्र और खोले जाएं। इससे केन्द्रों की संख्या 1500 हो जाएगी। वर्तमान में करीब 900 केन्द्र हैं। राज्य में 9 अक्टूबर तक 5.96 लाख धान, 10 हजार ज्वार और 29 हजार 416 बाजरा के किसानों ने पंजीयन करवाये हैं। इसी तरह 54 हजार 926 कपास के कृषकों के पंजीयन हो चुके हैं। यह पूर्व वर्ष से अधिक हैं। पंजीयन की आखिरी तारीख 15 अक्टूबर है।

बैठक में कृषि मंत्री श्री कमल पटेल, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री के.के. सिंह, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री मनीष रस्तोगी, प्रमुख सचिव खाद्य श्री फैज अहमद किदवई, एम.डी. मार्कफेड श्री पी. नरहरि, आयुक्त जनसंपर्क डॉ. सुदाम खाडे और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।