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मुरैना पुलिस का मानवीय चेहरा

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भटकती-रोती वृद्धा खुशी-खुशी अपने घर पहुँची

दैनिक समाचार पत्र में भटकती-रोती एक वृद्धा के बारे में जानकर विचलित हुए मुरैना के पुलिस अधीक्षक श्री अनुराग सुजानिया की पहल पर खुशी-खुशी अपने घर पहुँच गई।

इस वृद्धा के बारे में पढ़कर पुलिस अधीक्षक श्री अनुराग सुजानिया ने रक्षित निरीक्षक डॉ. कृष्णप्रताप सिंह को तत्काल वृद्धा की सहायता करने के निर्देश दिये। रक्षित निरीक्षक वृद्धा को लेकर वृद्धाश्रम पहुँचे, जहाँ प्रबंधक श्रीमती पूनम शर्मा ने वृद्ध से मिलने की इच्छा जताई। उन्होंने वृद्धा से बात करने की कोशिश की तो उसने छत्तीसगढ़ी और मराठी मिश्रित भाषा में जवाब दिया, जिसमें राजनांदगांव में स्थित चिखली का नाम आया। मोबाइल पर चर्चा करने से चिखली के मेडिकल संचालक श्री कपिल मेश्राम से बात हुई और उस वृद्धा की छत्तीसगढ़ी में बात कराई गई। वृद्धा ने बताया कि उसके पति चल बसे थे। उसके तीन लड़कों में से एक जेल में है। इसके बाद चिखली के श्री कपिल मेश्राम के व्हाट्सअप पर फोटो और डिटेल भेजकर वहाँ के बहुतेरे ग्रुपस में शेयर किया गया।

छत्तीसगढ़ चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जाकर चिखली की वोटर लिस्ट डाउनलोड की गई और 15 हजार नाम सर्च करने के बाद महिला का नाम दामा बंसोड़ और उनके बेटों और बहुओं के वोटर आईडी मिले, जिनमें महिला तथा उनके पति और तीनों बेटों और बहुओं के वोटर आईडी प्राप्त हुए। वोटर आईडी में उल्लेखित पते पर मेप की सहायता से आसपास के दुकानदारों से बात की गई। स्थानीय दुकानदारों ने काफी कोशिश कर वृद्धा की तस्वीर के आधार पर उसका पता करने के प्रयास किये गये। दुकानदारों की कोशिशों से सुबह वृद्धा की बहू और उनके देवर विनोद से मोबाइल पर बात हुई। पता चला कि चौकी प्रभारी ने उनका सम्पर्क वृद्धाश्रम में संचालक से करा दिया है। इसके बाद बेटे विनोद से वीडियो कॉलिंग के माध्यम से वृद्धा की बात कराई गई, तब उन्होंने बताया कि उनकी माँ अपने मायके थाने गाँव महाराष्ट्र से करीब 7 माह पहले खो गई थीं और बहुत ढूँढने के बावजूद वह नहीं मिलीं। आज उनके बारे में पता चलने पर परिजनों की खुशी का पारावार नहीं था। आर्थिक स्थिति ठीक न होने से वृद्धा को राजनांदगांव पहुँचाने का अनुरोध किया गया। पूरे प्रकरण में पुलिस अधीक्षक मुरैना सतत मॉनीटरिंग करते रहे और उनके निर्देशानुसार रक्षित निरीक्षक ने वृद्धा को सकुशल घर पहुँचाया।