Home मध्य-प्रदेश ई.एस.जी. पैमाने पर मध्यप्रदेश खरा

ई.एस.जी. पैमाने पर मध्यप्रदेश खरा

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मध्यप्रदेश भारत का दिल है और हम दिलवाले
आइये मध्यप्रदेश में निवेश कीजिए और लाभ कमाइये
मध्यप्रदेश में निवेश के लिए सभी सुविधाएँ एवं अनुकूल वातावरण
मुख्यमंत्री श्री चौहान ‘होरोसिस इंडिया मीटिंग 2021’ के प्रधान-सत्र में वर्चुअली शामिल हुए

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास के ई.एस.जी. (एनवायरमेंट, सोशल रिस्पांसबिलिटी एण्ड गवर्नेंस) अर्थात पर्यावरण, सामाजिक जिम्मेदारी तथा सुशासन के पैमाने पर खरा उतरता है। यहाँ स्वच्छ पर्यावरण है, कार्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी के तहत अच्छा कार्य हो रहा है तथा सुशासन के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश भारत का दिल है तथा हम दिलवाले हैं। उद्योग स्थापना की दृष्टि से मध्यप्रदेश की लोकेशन सबसे अच्छी है तथा हम प्रदेशवासी सबसे प्यार करते हैं। यहाँ जो भी आता है मध्यप्रदेश का होकर रह जाता है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में निवेश के लिए सभी सुविधाएँ एवं अनुकूल वातावरण है। ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में मध्यप्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। आइये मध्यप्रदेश में निवेश कीजिए, खुद भी लाभ कमाइये तथा मध्यप्रदेश के लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान कीजिए। यह मेरा आपसे आग्रह भी है और आव्हान भी है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘होरोसिस इंडिया मीटिंग 2021’ के प्रधान सत्र में शामिल हुए। यह सत्र ‘मध्यप्रदेश-भारत का उभरता हुआ आर्थिक शेर (Madhya Pradesh – India’s Emerging Economic Tiger)’ विषय पर आयोजित किया गया था।

उद्योगों के लिए अनुकूल वातावरण

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश शांति का टापू है। यहाँ उद्योगों के लिए अत्यंत अुनकूल वातावरण है। यहाँ खनिज, जल और वन सम्पदा के साथ ऊर्जा पर्याप्त मात्रा में है। इसके अलावा भरपूर जमीन, कुशल मानव संसाधन, औद्योगिक शांति, औद्योगिक क्षेत्र आदि हैं। हमारी निवेश नीति उद्योग फ्रेंडली है। हम निवेशकों की आवश्यकताओं का पूरा ध्यान रखते हैं तथा उन्हें उदारतापूर्वक पैकेज देते हैं।

कृषि क्षेत्र में नंबर वन है मध्यप्रदेश

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश कृषि क्षेत्र में भारत में नंबर वन है। यहाँ का बासमती चावल एवं शरबती गेहूँ बेमिसाल है। उद्यानिकी एवं औषधीय फसलों की ही प्रचुरता है। यहाँ फार्मास्युटिकल क्षेत्र में निवेश की भी बड़ी संभावना है। मध्यप्रदेश को पाँच बार कृषि कर्मण अवार्ड मिला है। प्रदेश की कृषि विकास दर 20 प्रतिशत के आस-पास रहती है। मध्यप्रदेश में कृषि उत्पादों के मूल्य संवर्धन, खाद्य प्रसंस्करण तथा जैविक खेती पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

अपार खनिज सम्पदा

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में अपार खनिज सम्पदा है। यहाँ हीरा, चूना-पत्थर, कोयला, मैगनीज, आयरन ऑर आदि प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। यहाँ खनिज आधारित उद्योग अधिक से अधिक लगाए जाने चाहिए।

मध्यप्रदेश में सूरज साल में 200 दिन चमकता है

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में मध्यप्रदेश में बहुत संभावनाएँ हैं। यहाँ सूरज वर्ष में 200 दिन चमकता है। मध्यप्रदेश में ओंकारेश्वर में पहला फ्लोटिंग सौर ऊर्जा प्लांट लगाया जा रहा है। नीमच में 151 मेगावॉट के एशिया के सबसे बड़े सोलर प्लांट स्थापित होने के बाद रीवा में 750 मेगावॉट का सोलर प्लांट लगा है।

टेक्सटाइल एवं गारमेंट सेक्टर

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में टेक्सटाइल एवं गारमेंट क्षेत्र में बड़ी संभावनाएँ हैं। यहाँ टेक्सटाइल सेक्टर की सम्पूर्ण वैल्यू चैन जिनिंग, स्पिनिंग, गारमेंटिंग के लिए उपयुक्त वातावरण उपलब्ध है। पारम्परिक तौर पर मध्यप्रदेश चंदेरी साड़ी, माहेश्वरी साड़ी तथा बाघ प्रिंट का गृह राज्य है। हमारी नीति उदार एवं प्रोग्रेसिव है।

ऑटोमोबाइल एवं आई.टी. क्षेत्र में संभावनाएँ

मध्यप्रदेश में ऑटोमोबाइलस एवं आई.टी. क्षेत्र में बड़ी संभावनाएं हैं। इंदौर, भोपाल एवं जबलपुर में आई.टी. पार्क स्थापित किए गए हैं। हमारे यहाँ एस.ई.जेड है।

मध्यप्रदेश में टॉय क्लस्टर

मध्यप्रदेश में 30 प्रतिशत फॉरेस्ट कवर है। यहाँ बाँस आधारित उद्योग तथा फर्नीचर निर्माण की अच्छी संभावना है। यहाँ टॉय क्लस्टर भी विकसित किया जा रहा है। इन क्षेत्रों के लिए कुशल मानव संसाधन उपलब्ध हैं।

सिंगापुर की तर्ज पर विकास

मध्यप्रदेश में सिंगापुर की तर्ज पर कौशल विकास किया जा रहा है। सिंगापुर के सहयोग से यहाँ ग्लोबल स्किल पार्क बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जब वे सिंगापुर गए तब उन्होंने वहाँ सेंटोजा आइलेंड देखा। उसकी तर्ज पर मध्यप्रदेश में हनुवंतिया विकसित किया गया है।

पर्यटन की अपार संभावनाएँ

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में पर्यटन की भी अपार संभावनाएँ हैं। मध्यप्रदेश टाइगर स्टेट है तथा कभी-कभी तो सैलानियों को टाइगर से हैण्डशेक का भी मौका मिल जाता है। प्रदेश में 11 रार्ष्टीय उद्यान है तथा साँची, खजुराहो तथा भीमबैठका वल्ड हैरीटेज में शामिल हैं।

आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश पर कार्य

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की आत्म-निर्भर भारत की परिकल्पना साकार करने की दिशा में मध्यप्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप तैयार है तथा इसके चार प्रमुख स्तंभों अधोसंरचना विकास, सुशासन, स्वास्थ्य एवं शिक्षा तथा अर्थ-व्यवस्था और रोजगार पर तेजी से कार्य किया जा रहा है।

निवेशकों को मध्यप्रदेश से अधिक सुविधाएँ कहीं नहीं

अवाडा समूह के अध्यक्ष श्री विनीत मित्तल ने कहा कि उद्योग स्थापित करने और चलाने के लिए निवेशकों को मध्यप्रदेश से ज्यादा सुविधाएँ अन्य किसी राज्य में नहीं मिल रही हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान इस कार्य में व्यक्तिगत रूचि लेते हैं तथा उद्योगों एवं निवेश को प्रोत्साहित करते हैं। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे मध्यप्रदेश में निवेश करने का मौका मिला है।

मध्यप्रदेश के बासमती राइस और शरबती गेहूँ दुनिया में प्रसिद्ध

सी.आई.आई. पश्चिम क्षेत्र के अध्यक्ष तथा ब्लू स्टार लिमिटेड के प्रबंध संचालक श्री बी. थियागराजन ने सत्र का संचालन किया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश ने जिस प्रकार से कोरोना काल में कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण रखते हुए उद्योगों को संचालित किया है, इसके लिए मुख्यमंत्री श्री चौहान बधाई के पात्र हैं। मध्यप्रदेश का बासमती राइस एवं शरबती गेहूँ दुनिया भर में प्रसिद्ध है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि मध्यप्रदेश सबसे प्यार करता है।

सत्र के प्रारंभ में प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन श्री संजय कुमार शुक्ला ने मध्यप्रदेश के औद्योगिक विकास, औद्योगिक परिदृश्य तथा निवेश नीति आदि के संबंध में पॉवर पाईंट प्रजेंटेशन दिया।

होरोसिस क्या है

होरोसिस प्रबुद्धजनों का एक स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय मंच है, जिसका मुख्यालय ज्यूरिक, स्विट्जरलेंड में है। इसकी स्थापना वर्ष 2005 में वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम के पूर्व निदेशक श्री फ्रेंक जुरगन रिचर ने की। आर्थिक विकास इसका प्रमुख विषय है। प्रतिवर्ष इसकी ‘होरोसिस ग्लोबल मीटिंग, होरोसिस चाइना मीटिंग, होरोसिस इंडिया मीटिंग तथा होरोसिस एशिया मीटिंग’ होती हैं, जिनमें बड़ी संख्या में अर्थ-शास्त्री, उद्योग प्रतिनिधि, व्यापार-व्यवसाय से जुड़े लोग, वैज्ञानिक, शासकीय अधिकारी तथा प्रबुद्धजन शामिल होते हैं।