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शहरों के विकास के नये प्रोजेक्ट बनने के साथ ही क्रियान्वयन भी समय-सीमा में

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नागरिकों को मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराने, शहरों को स्वच्छ रखने, पर्यावरण संरक्षित करने जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को गति देने के लिए नगरीय आवास एवं विकास विभाग पूरी शिद्दत के साथ कार्य कर रहा है। शहरों के विकास के लिए नये नियम और प्रोजेक्ट बनाने के साथ ही उनका क्रियान्वयन भी समय-सीमा में किया जा रहा है। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह स्वयं प्रति सप्ताह योजनाओं की समीक्षा करते हैं।

परिणाम स्वरूप प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट “स्मार्ट सिटी” में मध्यप्रदेश ने उल्लेखनीय कार्य किया है। प्रोजेक्ट के 6 वर्ष पूरे हो चुके हैं। प्रदेश के भोपाल और इंदौर ही नहीं अन्य शहर जिनमें स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट स्वीकृत हुआ है, में भी लक्ष्य के अनुरूप कार्य चल रहा है। इसी का परिणाम है कि भारत सरकार के आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा घोषित इंडिया स्मार्ट अवॉर्डस् कांटेस्ट-2020 में ओवरऑल इंदौर को प्रथम स्थान प्रदेश की 5 स्मार्ट सिटी को 11 अवॉर्ड और राज्यों की श्रेणी में मध्यप्रदेश को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ है।

प्रोजेक्ट अवार्ड

बिल्ट एनवायर्नमेंट थीम – इंदौर को 56 दुकान प्रोजेक्ट के लिए प्रथम स्थान मिला। सेनिटेशन थीम – इंदौर को तिरूपति शहर के साथ म्युनिसिपल वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम थीम में प्रथम स्थान मिला। कल्चर थीम  इंदौर को कन्ज़रवेशन ऑफ बिल्ट हेरिटेज के लिए प्रथम स्थान एवं ग्वालियर को डिजिटल म्यूजियम के लिए तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। इकॉनॉमी थीम – इंदौर को कार्बन क्रेडिट फाइनेंसिंग मेकेनिज्म के लिए प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। अर्बन एनवायर्नमेंट थीम – भोपाल को चेन्नई के साथ क्लीन एनर्जी के लिए प्रथम स्थान मिला।

इनोवेशन अवार्ड

इनोवेशन आइडिया अवार्ड थीम में इंदौर को कार्बन क्रेडिट फाइनेंसिंग मेकेनिज्म के लिए प्रथम स्थान प्राप्त हुआ।

सिटी अवार्ड

राउंड वन सिटीज़ में इंदौर को प्रथम एवं जबलपुर को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। राउंड 3 सिटीज़ में सागर को द्वितीय स्थान मिला।

6566 करोड़ के 567 प्रोजेक्ट

स्मार्ट सिटी मिशन में 7 स्मार्ट सिटी में 6566 करोड़ 70 लाख के 567 प्रोजेक्ट बनाये गये हैं। इनमें से 1577 करोड़ के 273 प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं। शेष प्रोजेक्ट पूरा करने की समय-सीमा निर्धारित कर दी गयी है। भोपाल में 939 करोड़ के 75, इंदौर में 942 करोड़ के 161, जबलपुर में 940 करोड़ के 99, ग्वालियर में 926 करोड़ के 49, उज्जैन में 940 करोड़ 60, सागर में 964 करोड़ के 69 और सतना में 914 करोड़ रुपये के 54 प्रोजेक्ट बनाये गये हैं।

आवास कम्पाउंडिंग की सीमा 10 से बढ़ाकर 30 प्रतिशत की गई है। इससे भवन स्वामियों की कठिनाई दूर होने के साथ ही निगम की आय बढ़ेगी।

प्रधानमंत्री ने पथ-विक्रेता नाजमीन से किया संवाद

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने डिजिटल इंडिया दिवस पर संपूर्ण देश में पीएम स्व-निधि योजना के लाभान्वित पथ-विक्रेताओं में से मध्यप्रदेश के नगर पालिक निगम, उज्जैन की 41 वर्षीय श्रीमती नाजमीन शाह से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने पूछा- नाजमीन शाह जी आप डिजिटल पेमेंट लेती हैं या नगद। इस पर श्रीमती नाजमीन ने कहा- सर कैश और डिजिटल दोनों तरह से पेमेंट लेती हूँ। फल के ठेले पर क्यूआर कोड लगा रखा है। कस्टमर को डिजिटल पेमेंट करने के लिए कहती हूँ। प्रधानमंत्री ने श्रीमती नाजमीन से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने के लिए कहा तो उसने फल व्यापारी शुभम को 1520 रुपए मोबाइल से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करके दिखाया।

पीएम स्व-निधि योजना में 3 लाख से अधिक पथ-विक्रेताओं को ऋण वितरित

पीएम स्व-निधि योजनांतर्गत एक जुलाई तक मध्यप्रदेश में 6 लाख 12 हजार पथ विक्रेताओं को पंजीयन एवं सत्यापन उपरांत 5 लाख 78 हजार पथ-विक्रेताओं को पहचान-पत्र एवं विक्रय प्रमाण-पत्र प्रदान किये गये हैं। इसके आधार पर 4 लाख 83 हजार पथ-विक्रेताओं के द्वारा बैंको को ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत किए गए। विभिन्न बैंकों के माध्यम से 3 लाख 83 हजार पथ-विक्रेताओं को 10-10 हजार रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया। इनमें से 3 लाख 24 हजार को आजीविका पुनः प्रारम्भ करने के लिये ऋण दिया गया। मध्यप्रदेश इस योजना के क्रियान्वयन में अग्रणी होकर देश में दूसरे स्थान पर है।

भवन अनुज्ञा में पेड़ लगाने का स्पष्ट प्रावधान

राज्य के हरित क्षेत्र में वृद्धि कर प्रदेश के पर्यावरण को स्वच्छ रखने और प्रकृति को प्राणवायु से समृद्ध करने के उद्देश्य से जन-सहभागिता के माध्यम से व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण के लिए अंकुर कार्यक्रम शुरू किया गया है। प्रत्येक भवन अनुज्ञा में मध्यप्रदेश भूमि विकास नियम, 2012 के नियम-67 के अनुरूप वृक्षारोपण किया जाना आवश्यक होगा। जारी की जाने वाली भवन अनुज्ञा में स्पष्ट प्रावधान होगा कि भवन निर्माण के साथ कितने पेड़ लगाना होगा।

नये प्रावधान में 100 वर्ग मीटर से छोटा भू-खण्ड होने पर पार्क या सार्वजनिक स्थल पर पौधा लगाना और उसकी सुरक्षा करना आवश्यक होगा। भवन निर्माण पूर्ण होने पर निर्धारित संख्या में वृक्षारोपण किया गया है, यह सुनिश्चित करने के उपरांत ही आधिपत्य प्रमाण-पत्र जारी किया जायेगा। निर्देशों का पालन समस्त शासकीय परियोजनाओं, विभाग के अंतर्गत प्रस्तावित समस्त योजनाओं तथा प्रधानमंत्री आवास योजना इत्यादि में सुनिश्चित किया जायेगा। किये गये वृक्षारोपण के लिए भू-खण्ड स्वामी अंकुर कार्यक्रम के तहत वायुदूत मोबाइल एप पर पंजीयन कर “प्राणवायु पुरस्कार” के लिए प्रतियोगी हो सकते हैं।

कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के दृष्टिगत प्रदेश के अधिकांश जिलो में अप्रैल और मई, 2021 में कोरोना कर्फ्यू व विभिन्न प्रकार के प्रतिबंध लगाए गए। इसके कारण प्रदेश के शहरों में निवासरत नागरिकों को नगरीय निकायों के विभिन्न करों एवं उपभोक्ता प्रभार आदि का भुगतान समय पर करने में कठिनाई हुई है और इसके परिणामस्वरूप उक्त करों एवं उपभोक्ता प्रभारों पर अधिभार (सरचार्ज) आदि देय हो गए हैं।

नागरिकों के हितों को दृष्टिगत रखते हुए राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया कि ऐसे नागरिक जो 31 जुलाई, 2021 तक नगरीय निकायों को कर एवं उपभोक्ता प्रभार आदि का भुगतान करेंगे, उन्हें 3 माह अप्रैल से जून, 2021 तक की अवधि के अधिभार (सरचार्ज) नहीं देने होंगे। नागरिकों ने इसका भरपूर लाभ उठाया।इस तरह से नगरीय विकास एवं आवास विभाग नागरिकों के हित में लगातार योजनाओं का क्रियान्वयन कर रहा है।