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राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण का कार्य युद्धस्तर पर पूर्ण हो: मुख्यमंत्री श्री चौहान

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प्रति वर्ष बाढ़ से प्रभावित होने वाले गाँवों को ऊँचे स्थानों पर शिफ्ट किया जाएगा
बाढ़ प्रभावितों को अब तक 6 करोड़ 50 लाख रूपये वितरित
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत कार्यों की वर्चुअल बैठक ली

 मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण का कार्य युद्धस्तर पर पूर्ण किया जाए। बिजली व्यवस्था की स्थापना, खाद्य सामग्री की आपूर्ति, अधोसंरचना को पुन: स्थापित करने, नुकसान हुई फसलों के आकलन और गिर गए घरों के सर्वे के कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता पर लिया जाए। जो गाँव प्रति वर्ष बाढ़ से प्रभावित होते हैं, उन्हे ऊँचे स्थानों पर शिफ्ट किया जाएगा। जिन परिवारों के मकान बाढ़ से प्रभावित हुए हैं उनके लिये नए आवास ऊँचे स्थानों पर ही स्वीकृत किये जाएंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वे स्वयं क्षेत्र का भ्रमण कर प्रभावित परिवारों से संपर्क करेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान निवास से वर्चुअली बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जारी राहत और पुनर्वास कार्यों की जिलेवार समीक्षा कर रहे थे।

केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर तथा श्री सिंधिया भी वर्चुअली जुड़े

बैठक में केंद्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी सम्मिलित हुए। प्रदेश में बाढ़ के लिए गठित टास्क फोर्स के सदस्य, जिलों के प्रभारी मंत्री तथा क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियों के सदस्य भी बैठक में वर्चुअली सम्मिलित हुए। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव गृह श्री राजेश राजौरा तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया, मुरैना, श्योपुर, भिंड और विदिशा के अधिकारियों तथा क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी के सदस्यों से चर्चा की।  

बाढ़ प्रभावितों को छह हजार रुपये की राहत मिलना आरंभ

मुख्यमंत्री श्री चौहान को बैठक में अवगत कराया गया कि बाढ़ प्रभावितों को छह-छह हजार रुपये की राहत राशि मिलना आरंभ हो गई है। अब तक 6 करोड़ 50 लाख रुपये वितरित किए जा चुके हैं। श्योपुर जिले में अब तक 6 हजार 500 परिवारों को 3 करोड़ 25 लाख रुपये वितरित किए गए हैं। राहत वितरण कार्य जारी है।

पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिनका नुकसान हुआ है, उनमें से प्रत्येक को राहत उपलब्ध कराई जाए। साथ ही यह सतर्कता भी आवश्यक है कि किसी भी अपात्र का नाम राहत और पुनर्वास कार्य में नहीं जुड़े। संपूर्ण प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए। गड़बड़ी करने वाले को छोड़ा नहीं जाएगा। राजस्व, पंचायत और कृषि विभाग की संयुक्त टीम और क्राइसिस मैंनेजमेंट कमेटी के सदस्य मिल कर बाढ़ प्रभावितों का सर्वे करें। सूची को अंतिम रूप देकर सार्वजनिक स्थल पर प्रदर्शित किया जाए और इसमें आ रहे दावे-आपत्तियों की सुनवाई हो।

राहत कार्य में जन-प्रतिनिधियों को जोड़ें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राहत वितरण और पुनर्वास के कार्य जन-सहभागिता से क्रियान्वित किए जाएँ। ग्राम-स्तरीय क्राइसिस मैंनेजमेंट कमेटियों, जन-प्रतिनिधियों और विधायकों को इन कार्यों से जोड़ा जाए। इससे पारदर्शिता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी और पात्र व्यक्तियों को जल्द से जल्द राहत पहुँचायी जा सकेगी।

जरूरत वाले गाँवों में  पका गरम भोजन उपलब्ध करायें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि जो गाँव अभी भी प्रभावित हों और जहाँ आवश्यकता हो वहाँ स्व-सहायता समूहों के माध्यम से पका हुआ गरम भोजन उपलब्ध कराया जाए। जिलों के कलेक्टर भोजन के लिए आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करें।

केन्द्रीय दल 16 अगस्त को क्षेत्र का भ्रमण करेगा

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अतिवृष्टि और बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने केन्द्रीय दल 16 अगस्त को क्षेत्र का भ्रमण करेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि बाढ़ प्रभावित और उजड़े परिवारों को ठीक से बसा सकें और उन्हें बेहतर व्यवस्था दे सकें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बाढ़ प्रभावित जिलों के अधिकारियों से खाद्यान्न वितरण, पेयजल, प्रभावित बिजली व्यवस्था, ध्वस्त रोड नेटवर्क, क्षतिग्रस्त फसलों, ढह गए मकानों, पशु हानि और जिलों में संचालित राहत शिविरों की विस्तृत जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिये।

रणनीति विकसित करने के उद्देश्य से विशेष दल

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में विभिन्न आपदाओं की संभावना के आकलन और उसका सामना करने के लिए आवश्यक रणनीति विकसित करने के उद्देश्य से विशेष दल गठित किया जाएगा। बाढ़ राहत के लिए बनी टास्क फोर्स में शामिल सभी 12 मंत्री इस दल के सदस्य होंगे।

लोगों को मदद और पुनर्वास का भरोसा दिलाएं : केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर

केन्द्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि अधिकारी, कर्मचारी प्रभावित ग्रामों का भ्रमण कर लोगों को मदद और पुनर्वास का भरोसा दिलाएँ। इस समय लोगों को  सांत्वना की आवश्यकता है। कई परिवारों के उज्जवला योजना के गैस सिलेंडर बाढ़ में बह गए हैं। ऐसे परिवारों को गैस सिलेंडर पुन: उपलब्ध कराने के लिए केंद्र स्तर पर प्रयास किया जाएगा।

संकट की घड़ी में राज्य सरकार प्रभावितों के साथ

केन्दीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बाढ़ से बेघर हुए लोगों को स्थाई आवास उपलब्ध कराने के लिए नीति निर्धारित करने की आवश्यकता बताई। केन्द्रीय मंत्री श्री सिंधिया ने कहा कि अतिवृष्टि और बाढ़ से प्रभावित जिलों में प्रशासन और पुलिस ने बचाव और राहत के लिए हर संभव कार्य किया। गुना जिले के ग्राम सौंढ़ा में फँसे सवा सौ लोगों को सुरक्षित निकालना सराहनीय है। केंद्रीय मंत्री श्री सिंधिया ने कहा कि तीन साल के एक बच्चे को भी रेस्क्यू किया गया। इन संवेदनशील कार्यो से प्रशासन की प्रतिष्ठा बढ़ी है और लोगों ने यह अनुभव किया कि संकट की घड़ी में राज्य सरकार उनके साथ है।

लोक निर्माण मंत्री श्री गोपाल भार्गव, जल-संसाधन मंत्री श्री तुलसी सिलावट, खेल एवं युवक कल्याण मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया, राजस्व मंत्री श्री गोविद सिंह राजपूत, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, लोक निर्माण राज्य मंत्री श्री सुरेश धाकड़ और पूर्व मंत्री श्री रूस्तम सिंह भी बैठक्में वर्चुअल शामिल हुए और अपने विचार रखे।