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अतिवृष्टि एवं बाढ़ से हुई क्षति के आंकलन के लिए केन्द्रीय अध्ययन दल 2 दिवसीय प्रदेश के दौरे पर

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मंगलवार को मुख्यमंत्री श्री चौहान से करेगा केन्द्रीय दल मुलाकात

प्रदेश में अतिवृष्टि एवं बाढ़ के कारण हुई क्षति का आँकलन करने के लिए अंर्तमंत्रालयीन केन्द्रीय अध्ययन दल  भारत सरकार के गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री सुनील कुमार  बर्नवाल के नेतृत्व में सोमवार एवं मंगलवार को ग्वालियर एवं चंबल संभाग के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर है। अध्ययन दल में श्री बर्नवाल के साथ डिप्टी इसीओ श्री अभय कुमार, मध्यप्रदेश के कृषि संचालक डॉ. ए.के. तिवारी, जल संसाधन विभाग के अधीक्षण यंत्री श्री मनोज तिवारी, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय जयपुर के क्षेत्रीय अधिकारी श्री डी.के. शर्मा एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय के अवर सचिव श्री आर .के. श्रीवास्तव शामिल हैं।

दो भागों में विभक्त दल के प्रथम दल ने आज ग्वालियर संभाग के डबरा-चांदपुर, दतिया जिले के कोटरा, सुनाती, अन्डोरा, खरोनाघाट का दौरा किया। दूसरे दल ने सबलगढ़  के श्यामपुर, ओछापुरा, ढोढर, मानपुर एवं श्योपुर का निरीक्षण किया।

मंगलवार को अध्ययन दल का एक दल ग्वालियर से भितरवार, सिला, पलाधा, ख्यावदा, पनघटा, पुल्हा सिहोर एवं शिवपुरी के रायपुर, हरई, बरखेड़ी, कूपरेटा का निरीक्षण कर वापिस ग्वालियर लौटेगा। दूसरा दल श्योपुर के प्रेमसर, उतनवाड़ा, अलापुरा, मूंडला, आवदा एवं श्योपुर का निरीक्षण करेगा।

केन्द्रीय दल करेगा मुख्यमंत्री श्री चौहान से मुलाकात

केन्द्रीय दल चंबल एवं ग्वालियर संभाग के निरीक्षण के पश्चात भोपाल पहुँचकर मंगलवार को शाम 7 बजे मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के साथ मंत्रालय में चर्चा करेगा। बैठक में राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत भी उपस्थित रहेंगे।

लगभग 2 हजार करोड़ की क्षति का अनुमान

बाढ़ प्रभावित 9 जिलों के दो हजार 444 गाँव बाढ़ एवं अति वृष्टि से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं।प्रारंभिक आंकलन के अनुसार एक लाख एक हजार 669 हेक्टर क्षेत्र में फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है। लगभग 57 हजार 527 घर बाढ़ में बह गए अथवा पूरी तरह से नष्ट हुए। इसके अलावा 1735 करोड़ 50 लाख रूपये की शासकीय संपत्ति को नुकसान पहुँचा। इसमें शासकीय भवन, सड़क, बिजली प्रदाय अधोसंरचना, वन, पुल, बांध सहित अनेक सिंचाई परियोजनाएँ शामिल हैं। इसके अलावा राशन वितरण की शासकीय उचित मूल्य की दुकानों सहित लगभग 2 करोड़ 50 लाख से अधिक मूल्स का खाद्यान्न बाढ़ के पानी से खराब हो गया। वेयर हाउस में सुरक्षित रखा खाद्यान्न भी  बड़ी मात्रा में बाढ़ से प्रभावित हुआ। 

युद्ध स्तर पर हुआ राहत-बचाव कार्य

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 31 जुलाई से 6 अगस्त की अवधि में ग्वालियर और चंबल संभाग के 8 जिलों ग्वालियर, गुना, शिवपुरी, दतिया, अशोक नगर, श्योपुर, भिण्ड, मुरैना और भोपाल संभाग के विदिशा जिले सहित कुल 09 जिलों में अतिवृष्टि और बाढ़ से शासकीय और जन-संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है। युद्ध स्तर पर चलाये गये राहत और बचाव कार्यो के दौरान इन जिलों के 9334 रहवासी  पीड़ितों को रेस्क्यू किया गया और 32 हजार 960 लोगों को बाढ़ में घिरे उनके रहवासों से सुरक्षित निकाला गया।

      बाढ़ और अति वर्षा से प्रभावित लोगों को त्वरित राहत पहुँचाने के लिये स्थापित 161 राहत शिविरों में कुल 21 हजार 555 लोगों को आश्रय उपलब्ध कराया गया। राहत और बचाव कार्यों में सेना के 6 कॉलम, एयर फोर्स के 6 हेलीकॉप्टर की मदद ली गई। इसके अलावा एनडीआरएफ की 8 यूनिट, एसडीइआरएफ की 29 टीम, होमगार्ड की 61 टीम, अति वर्षा और बाढ़ प्रभावित सभी 9 जिलों के पुलिस बल और 478 नागरिक सुरक्षा स्वयं सेवक की मदद ली गई।

क्षति का विस्तृत सर्वेक्षण जारी

अभी अति वर्षा और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भौतिक अधोसंरचना की क्षति का विस्तृत सर्वेक्षण किया जा रहा है। फसल क्षति के आंकलन के लिए अंतविभार्गीय टीमें गठित की गई हैं। कपड़ों, बरतन और आंशिक क्षतिग्रस्त मकानों के लिए अनुग्रह राशि का भुगतान किया जा रहा है।