राज्यपाल ने सहोदय संगठन के वार्षिक सम्मेलन को आभासी माध्यम से किया संबोधित
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि हाईब्रिड शिक्षा में व्यक्ति और क्षेत्रपरक, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और उसके विस्तार की असीम संभावनाएँ हैं। उन्होंने कहा है कि ऑनलाइन डिजिटल प्लेटफॉर्म और संस्था में शिक्षा के समन्वित स्वरूप हाईब्रिड शिक्षा के नए आयामों के बेहतर उपयोग पर विचार करना ज़रूरी है। श्री पटेल केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के विद्यालयों के संगठन सहोदय के 27वें दो दिवसीय वार्षिक सम्मेलन के समापन समारोह को आभासी माध्यम से आज राजभवन में संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि पिछले दो सालों के दौरान कोरोना ने हमारे जीवन जीने का ढंग बदल दिया है। पढ़ाई-लिखाई से लेकर काम के तरीके और मनोरंजन के साधन सब बदल गए हैं। हाईब्रिड शिक्षा आपदा से मिला अवसर है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण पहुँचविहीन क्षेत्रों के वंचित वर्गों तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुँचाने की चुनौतियों के समाधान हाईब्रिड शिक्षा में खोजे जाने चाहिए। वंचित वर्गों और क्षेत्रों के छात्रों के लिए वर्चुअल रियलिटी के द्वारा शिक्षण की व्यवस्था की पहल की जानी चाहिए। वंचित वर्गों को शिक्षा के नए अवसर दिलाने और निवेश बढ़ाने के प्रयास भी जरूरी हैं।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के द्वारा भारतीय सनातन संस्कृति की मूल भावनाओं और 21वीं सदी की जरूरतों के लिए उपयुक्त भावी पीढ़ी के निर्माण का अवसर दिया है। वैश्विक परिदृश्य में रोजगार की संभावनाओं के दृष्टिगत शिक्षा में कौशल उन्नयन पर विशेष ध्यान दिया जाना समय की मांग है। छात्र-छात्राओं में देश के वृहत्तर आर्थिक संदर्भों और वैश्विक अर्थ-व्यवस्था की समझ विकसित करना जरूरी है। पाठ्यक्रमों में सामाजिक व्यवहार और नेतृत्व क्षमता संबंधी कौशल को भी शिक्षा का अंग बनाया जाना आवश्यक है। पाठ्यक्रम में ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों और विषय-सामग्री को शामिल किया जाए जो विद्यार्थियों को हमारी गौरवशाली संस्कृति की विविधता में एकता को देखने का समग्र नजरिया प्रदान करें।
कांफ्रेंस के प्रारम्भ में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन श्री मनोज आहूजा ने स्वागत उद्बोधन दिया। बोर्ड के डायरेक्टर एकेडमिक श्री जोसेफ एमानुअल ने आभार माना।