नर्मदा तट के सेठानी घाट और नर्मदा महाविद्यालय में मुख्यमंत्री ने लिया जायजा
अधिकारियों को सजग रहने और बाढ़ से संबंधित सभी सावधानियाँ रखने के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को अतिवृष्टि और नदियों में बढ़ रहे जल-स्तर के दृष्टिगत नर्मदापुरम जिले के सेठानी घाट एवं नर्मदा महाविद्यालय पहुँच कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है। मौसम विभाग द्वारा जारी भारी वर्षा की चेतावनी को ध्यान में रखते हुए यह तय किया जा रहा है कि बांधों से एक साथ पानी न छोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि बारिश अधिक होने से बरगी, बारना, तवा, कोलार सहित अन्य सभी बांधों से पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे नर्मदा का जल-स्तर बढ़ा है। नीचे के भी अन्य बांधों से पानी छो़ड़ा गया है। उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि बारिश रूक गई है। अब स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। अभी बारिश की संभावना बनी हुई है, इसलिए पूरी सावधानी रखने की जरूरत है। विधायक सर्वश्री डॉ. सीतासरन शर्मा, विजयपाल सिंह और ठाकुर दास नागवंशी, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती नीतू यादव एवं पार्षद मौजूद रहे।
अधिकारियों को दिए व्यवस्था बनाने और सजग रहने के निर्देश
मुख्यमंत्री श्री सिंह ने संभागायुक्त श्री माल सिंह, कलेक्टर श्री नीरज सिंह, पुलिस अधीक्षक डॉ. गुरूकरण सिंह सहित अन्य अधिकारियों को राहत केंद्रों पर स्वास्थ्य, पेयजल, साफ- सफाई तथा शौचालय सहित अन्य व्यवस्थाओं को बनाए रखने एवं सावधानी के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि कोई गाँव बाढ़ की चपेट में तो नहीं है। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि माखन नगर ब्लाक के साढ़े तीन गाँव का सड़क से संपर्क कट गया है। वहाँ पर बोट पहुँचा दी गई हैं। होमगार्ड के जवान भी तैनात किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने मालाखेड़ी और निमसाड़िया गाँव की जानकारी ली। साथ ही सभी निचले क्षेत्र के नागरिकों से संपर्क बनाए रखने के निदेश अधिकारियों को दिए।
राहत केंद्रों की ली जानकारी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने शासकीय नर्मदा महाविधालय में बनाए गए राहत केंद्र का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लेकर केंद्र पर चाक-चौबंद व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए। बताया कि 8 स्थानों को राहत केंद्र के लिए चिन्हित कर वहाँ समुचित व्यवस्थाएँ की गई हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती यादव से भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि जन-प्रतिनिधि एवं जिला प्रशासन आपसी समन्वय से आपदा प्रबंधन के बेहतर कार्य सुनिश्चित करें।