विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा है कि वर्तमान में आत्म-निर्भर भारत के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सबसे महत्वपूर्ण विभाग है। देश की प्रगति में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की बहुत बड़ी भूमिका है। मंत्री श्री सखलेचा बुधवार को केन्द्र सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कार्यक्रम एसएसटीपी के सभी प्रान्तों की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद की वार्षिक गतिविधियों की समीक्षा के समापन समारोह को वर्चुअली सम्बोधित कर रहे थे।
मंत्री श्री सखलेचा ने कहा कि इस बैठक से प्रदेश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के प्रति न केवल नई जागृति आएगी बल्कि एक नया विजन भी हमें मिलेगा। उन्होंने कहा कि सभी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कॉउंसिल को एक दूसरे के साथ संयुक्त रूप से कार्य करते हुए देश के विकास में भागीदार बनना चाहिए। आज की नई पीढ़ी को एक ऐसा प्लेटफार्म प्रदान करना होगा, जिससे उनके सपने पूरे हो। उन्होंने कहा कि जिस गति से हम कार्य कर रहे हैं, उससे विज्ञान की हमारी श्रेष्ठ प्रतिष्ठा को प्राप्त करने में सफलता मिलेगी।
केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के वैज्ञानिक एवं प्रमुख राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कार्यक्रम डॉ. देबप्रिय दत्ता ने कहा कि हमें स्थानीय प्रौद्योगिकी के स्तरीकरण की आवश्यकता है। सभी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद एसटीआई इको सिस्टम को विकसित करने में उत्प्रेरक की भूमिका में होनी चाहिए।
अध्यक्ष आईआईटी मुंबई के डॉ. बी. सतीश अग्निहोत्री ने कहा कि हर परिषद को अपने कार्यों के श्रेष्ठ उदाहरण एक दूसरे से शेयर करना चाहिए। सभी परिषदों को आपस में मिल कर कार्य करना चाहिए। संबंधित प्रौद्योगिकी की इन्वेंटरी भी बनाना चाहिए। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की वैज्ञानिक डॉ. रश्मि शर्मा ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से संबंधित रिसोर्स मेपिंग परियोजनाओं पर कार्य होना चाहिए।
समापन-सत्र में मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी ने कहा कि मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से संबंधित नई योजनाएँ ला रहे हैं।
मध्यप्रदेश के कार्यों की सराहना
मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की गई। परिषद की ओर से सलाहकार श्री तस्नीम हबीब ने परिषद के कार्यों का प्रस्तुतिकरण किया। सदस्यों ने मध्यप्रदेश के कार्यों की सराहना की। समीक्षा समिति के अध्यक्ष डॉ. अग्निहोत्री ने मध्यप्रदेश द्वारा बनाए गए संसाधन एटलस की प्रशंसा की और मध्यप्रदेश के कार्यों एवं योजनाओं को सुनियोजित बताया। उन्होंने कामना कि मध्यप्रदेश अगले वर्ष देश के इनोवेशन इंडेक्स में टॉप फाइव में सम्मिलित होगा।
भोपाल में 27 राज्यों के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषदों के 49 महानिदेशक, सदस्य सचिव एवं प्रतिनिधि सम्मिलित हुए। इस दौरान केन्द्र सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति के देश की उत्कृष्ट वैज्ञानिक संस्थाओं के ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक एवं प्राध्यापक भी शामिल हुए।