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मंत्रि-परिषद ने दी 17 हजार 971 करोड़ से अधिक लागत की जल प्रदाय योजना की स्वीकृति

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मुख्यमंत्री श्री चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद के निर्णय

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज उज्जैन के प्रशासनिक संकुल में मंत्रि-परिषद की बैठक हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश जल निगम मर्यादित द्वारा जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन के लिए प्रस्तावित 23 नवीन समूह जल प्रदाय योजनाओं तथा एक पुनरीक्षित समूह जल प्रदाय योजना की प्रशासकीय स्वीकृति का अनुमोदन किया गया। उपरोक्त 23 नवीन योजनाओं की कुल लागत 17 हजार 971 करोड़ 95 लाख रूपये है।

मुख्यमंत्री उद्यम क्रान्ति योजना में संशोधन

मंत्रि-परिषद ने मुख्यमंत्री उद्यम क्रान्ति योजना को और अधिक प्रभावी तथा व्यापक बनाने न्यूनतम परियोजना सीमा एक लाख से कम कर 50 हजार रूपये किये जाने का निर्णय लिया। योजना में अब हितग्राही को ब्याज अनुदान वार्षिक के स्थान पर त्रैमासिक आधार पर भुगतान किया जायेगा। विनिर्माण इकाई 50 लाख रूपये से अधिक होने अथवा सेवा/खुदरा व्यवसाय इकाई 25 लाख रूपये से अधिक होने पर भी योजना में परियोजनाएँ स्वीकार की जायेगी, जिसमें बैंक द्वारा प्रकरण स्वीकृति की दशा में हितग्राही को 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान का लाभ अधिकतम 50 लाख अथवा 25 लाख रूपये तक की ऋण राशि पर ही प्राप्त हो और ऋण गारंटी शुल्क की प्रतिपूर्ति भी यथानुपात आधार पर हो। बैंक द्वारा दिया गया पूरा ऋण कोलेटरल फ्री होना चाहिये।

मुख्यमंत्री उद्यम क्रान्ति योजना में अर्हता एवं वित्तीय सहायता के लिये आयु सीमा मूलत: 18 से 40 वर्ष रखी गई थी, जिसको संशोधित कर अब 18 वर्ष से 45 वर्ष करने के आदेश का अनुमोदन किया गया।

महेश्वर जल विद्युत परियोजना खरगोन के संबंध में लिये गये निर्णयों का अनुसमर्थन

मंत्रि-परिषद ने 10×40 मेगावाट महेश्वर जल विद्युत परियोजना, जिला खरगोन के सम्बन्ध में समन्वय में मुख्यमंत्री से प्राप्त निर्णयों का अनुसमर्थन किया।

महेश्वर जल विद्युत परियोजना, मण्डलेश्वर, जिला खरगोन से विद्युत क्रय हेतु तत्कालीन मध्य प्रदेश विद्युत मण्डल (वर्तमान में एमपीपीएमसीएल) द्वारा क्रमश: 11 नवम्बर 1994 एवं 27 मई 1996 को मेसर्स श्री महेश्वर हायडल पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एसएमएचपीसीएल) के साथ निष्पादित विद्युत क्रय अनुबंध एवं इस अनुबंध के संशोधन को निरस्त किये जाने का निर्णय लिया गया। मेसर्स एसएमएचपीसीएल एवं विद्युत मण्डल (वर्तमान में एमपीपीएमसीएल) के मध्य परियोजना के पुनर्वास एवं पुनर्स्थापना के कार्यों के सम्बन्ध में 24 फरवरी 1997 को निष्पादित अनुबंध को निरस्त किया गया। मेसर्स एसएमएचपीसीएल द्वारा महेश्वर परियोजना के वित्त पोषण हेतु जारी किये गये 400 करोड़ के ओएफसीडी हेतु पीएफसी द्वारा दी गई गारंटी के परिप्रेक्ष्य में अमेंडेटरी एण्ड रिस्टेटेड एग्रीमेंट के प्रावधानों के अनुसार राज्य शासन द्वारा पीएफसी के पक्ष में दी गई काउंटर गारंटी को निरस्त किया। पीएफसी, मेसर्स एसएमएचपीसीएल इत्यादि के साथ 16 सितम्बर 2005 को निष्पादित अमेंडेटेरी एण्ड रिस्टेटेड एग्रीमेंट (ए. एण्ड आर. अनुबंध) को मेसर्स एसएमएचपीसीएल द्वारा किये गये डिफाल्ट्स के दृष्टिगत निरस्त किया। मेसर्स एसएमएचपीसीएल के साथ 27 मई 1996 को निष्पादित इंप्लीमेंटेशन एग्रीमेंट एवं उनके विद्युत देयकों का भुगतान सुनिश्चित करने हेतु राज्य शासन द्वारा प्रदान की गई गारंटी को निरस्त किया। महेश्वर परियोजना के क्रियान्वयन में आ रही कठिनाईयों के निराकरण हेतु गठित टास्क फोर्स के अध्यक्ष द्वारा परियोजना के निराकरण हेतु सुझाये गये द्वितीय विकल्प यथा प्रकरण का निराकरण पीएफसी द्वारा एनसीएलटी में प्रस्तुत की गई आईबीसी पिटीशन में होने दिया जाये, को स्वीकार किये जाने का निर्णय लिया गया।

कुटुम्ब न्यायालयों के लिये पदों का सृजन

मंत्रि-परिषद ने प्रदेश के कुटुंब न्यायालयों में प्रकरणों की बढ़ती संख्या के दृष्टिगत उच्च न्यायालय से प्राप्त प्रस्ताव अनुसार कुटुंब न्यायालयों हेतु पीठासीन अधिकारी एवं स्टाफ की संख्या में वृद्धि करने का निर्णय लिया। निर्णय अनुसार भोपाल में एक, ग्वालियर में एक, इन्दौर में दो तथा जबलपुर में एक इस तरह कुल 5 अतिरिक्त कुटुंब न्यायालयों के लिये पीठासीन अधिकारी एवं अमले के 55 पदों के सृजन का अनुमोदन किया।