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मंदिर एकता और अखण्डता के प्रेरणा केन्द्र : राज्यपाल श्री पटेल

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राज्यपाल माँ आशापुरा मंदिर निर्माण के भूमि-पूजन में शामिल हुए

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि आने वाली पीढ़ियों के लिए मंदिर भारत की एकता और अखंडता के प्रेरणा केंद्र हैं। मंदिर भारत के प्राचीन गौरव का प्रतीक होकर आध्यात्मिकता को मजबूत बनाते हैं। राज्यपाल श्री पटेल कच्छ–धर्णियाणी माँ आशापुरा मंदिर निर्माण के भूमि-पूजन कार्यक्रम को आज संबोधित कर रहे थे।

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि हमारी आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक एकता की विरासत के संरक्षण और संवर्धन में मंदिर सहभागी होते हैं। मंदिर भावी पीढ़ी को भारतीय जीवन मूल्यों से संस्कारित करने में सहयोगी होते हैं। मंदिर सनातन जीवन मूल्यों में समन्वय के साथ समाज में शिक्षा, संस्कार और समाज सेवा के प्रति जागरूकता को बढ़ाने में सहयोगी होते हैं।

कार्यक्रम में राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कच्छ गुजरात के पीठाधीश श्री योगेन्द्र सिंह राजाबाबा, मोती सागर जी महाराज और कथावाचक भागवताचार्य पं. श्री रामजी महाराज का सम्मान किया। आशापुरा दरबार की सुश्री गीता माता जी ने कच्छ–धर्णियाणी श्री माँ आशापुरा मंदिर निर्माण की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। स्वागत उद्बोधन दरबार के श्री अरविन्द जैन ने दिया। आभार प्रदर्शन दरबार के सचिव श्री ललित तातेड़ ने व्यक्त किया।

कार्यक्रम में प्रसिद्ध नृत्यांगना पारुल बेन शाह ने राम चरित्र मानस के अंशो की और उनके सहयोगियों ने भगवान गणेश, शिव और शक्ति की स्तुति की नृत्य प्रस्तुतियाँ दीं। कार्यक्रम के प्रारंभ में राज्यपाल श्री पटेल ने पूजन और दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, विधायक श्री रामेश्वर शर्मा, पूर्व महापौर भोपाल श्री आलोक शर्मा मंचासीन थे।