Home धर्म-एवं-ज्योतिष ⚫ 16/17जुलाई 2019 में चंद्र ग्रहण ⚫

⚫ 16/17जुलाई 2019 में चंद्र ग्रहण ⚫

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16-17 जुलाई 2019 को 25:32:35 से 28:29:50 बजे तक (भारतीय समयानुसार, 01:32:35 से 04:29:50 बजे तक) आंशिक चंद्रग्रहण भारत और अन्य एशियाई देश, कदक्षिण अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलियासूचना: यह चंद्रग्रहण 16-17 जुलाई के मध्य घटित होगा और भारत में दिखाई देगा, इसलिए यहां पर इस ग्रहण का सूतक मान्य होगा। यह ग्रहण उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में लगेगा और धनु व मकर दोनों राशि के जातकों पर इसका असर देखने को मिलेगा।चंद्र ग्रहण का सूतकसूतक काल वह अशुभ समय है जो ग्रहण के घटित होने से पूर्व शुरू हो जाता है और ग्रहण समाप्ति पर स्नान के बाद खत्म होता है। हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूतक काल को अच्छा समय नहीं माना जाता है इसलिए इस समय में कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है। इनमें मूर्ति पूजा, मूर्तियों का स्पर्श और भोजन बनाना व खाना वर्जित होता है। हालांकि वृद्धजनों, रोगियों और बच्चों पर ग्रहण का सूतक प्रभावी नहीं होता है। इसके अलावा जहां जिस देश या क्षेत्र में ग्रहण दिखाई देता है वहीं पर उसका सूतक मान्य होता है।

चंद्र ग्रहण ( 16-17 जुलाई) के सूतक का समय
सूतक प्रारंभ 16 जुलाई को 15:55:13 बजे से
सूतक समाप्त 17 जुलाई 04:29:50 बजे तक है।
सूतक के समय क्या न करें
✳किसी भी नये कार्य की शुरुआत करने से बचें
✳न भोजन बनाएँ और न भोजन ग्रहण करें
✳मलमूत्र और स्नान अत्यंत आवश्यक होने पर ही करें
✳मूर्ति पूजा और मूर्तियों का स्पर्श न करें, न ही तुलसी के पौधे का स्पर्श करें।

चंद्रग्रहण के समय क्या करें?

✳प्राणायाम और योग करना चाहिए।

✳चंद्र देव की आराधना करना चाहिए।

✳चंद्र मंत्र “ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृत तत्वाय धीमहि तन्नो चन्द्रः प्रचोदयात् ” का जप करें।

✳चंद्रग्रहण समाप्त होने के बाद घर में शुद्धता के लिए गंगाजल का छिड़काव करें।

✳स्नान के बाद भगवान की मूर्तियों को स्नान कराएँ और उनकी पूजा करें।

✳ग्रहण समाप्त होने पर ताजा भोजन बनाएँ और खाएं।

✳ याद रखें अगर भोजन पहले से बना हुआ है तो ग्रहण से पूर्व उसमें तुलसी डाल दें ताकि वह भोजन दूषित न हो।

✳चंद्रग्रहण के बाद जरुरतमंद व्यक्ति और ब्राह्मणों को अनाज का दान करें।

ग्रहण और गर्भवती महिलाएँ

हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए। क्योंकि इस दौरान वातावरण में उत्पन्न होने वाली नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव गर्भ में पल रहे उनके बच्चों पर हो सकता है। हिन्दू धर्म में ऐसा माना जाता है कि ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई, काटना या छीलने जैसे कार्य नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से बच्चों के अंगों को क्षति पहुंच सकती है।
जानिए अपनी राशि पर ग्रहण का असर
✳मेष राशि
इस राशि के लिए ग्रहण के योग शुभ रहने वाला है। इन लोगों को सफलता के साथ ही मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। धन लाभ मिलने की संभावनाएं हैं।
✳वृषभ राशि
आपके लिए समय कष्टदायी रहेगा। सावधान रहकर काम करना होगा, क्योंकि धन हानि हो सकती है।
✳मिथुन राशि
इनके लिए दुखद समय रहेगा। काम समय पर पूरे नहीं होंगे। बाधाएं आएंगी। धैर्य रखें।
कर्क राशि
✳कर्क राशि के लिए उत्तम समय रहेगा। काम जल्दी पूरे होंगे और आशा के अनुरूप फल भी मिलेंगे। सुखद वातावरण रहेगा।
✳सिंह राशि
तनाव बढ़ सकता है। बाधाओं की वजह से किसी काम में मन नहीं लगेगा। मन शांत रखें। कुछ दिन बाद समय पक्ष का हो जाएगा।
✳कन्या राशि
चिंताएं बढ़ सकती हैं। नौकरी में अधिकारियों का सहयोग नहीं मिलने से मन उदास रहेगा। बने बनाए काम बिगड़ सकते हैं।
✳तुला राशि
लाभदायक समय रहेगा। सोचे हुए काम समय पर पूरे कर पाएंगे। अविवाहितों को विवाह के प्रस्ताव मिल सकते हैं।
✳वृश्चिक राशि
आपके लिए सावधान रहने का समय है। थोड़ी लापरवाही भी बड़ी हानि करवा सकती है।
✳धनु राशि
सतर्कता रखनी होगी। कोई करीबी व्यक्ति धोखा दे सकता है। नौकरी में नुकसान होने के योग बन रहे हैं।
✳मकर राशि
आपको इस समय संघर्ष करना होगा। पुरानी योजनाएं विफल हो सकती हैं। किसी अनजान व्यक्ति पर भरोसा न करें।
✳कुंभ राशि
इस राशि के लिए समय शुभ रहने वाला है। तरक्की मिल सकती है। कार्य समय पर पूरे हो जाएंगे और वर्चस्व बढ़ेगा।
✳मीन राशि
आपको लंबी दूरी की यात्रा पर जाना पड़ सकता है। इस यात्रा से लाभ मिलेगा। भविष्य को लेकर प्रसन्न रहेंगे।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस किसी व्यक्ति का यदि ग्रहण योग के समय में जन्म हुआ हो और वही नक्षत्र वही राशि पर पुनः ग्रहण पढ़ रहा हो तो उसी समय उस व्यक्ति का अत्यंत ध्यान देना आवश्यक है । जैसे कि अगर किसी की जन्म के समय में उत्तराषाढ़ा नक्षत्र तथा धनु, मकर राशि पर ग्रहण जन्म कालीन था और अभी वर्तमान कालीन में वही नक्षत्र उसी राशि पर ग्रहण पड़ रहा है। अगर ऐसी परिस्थिति में आपको सावधानी रखना अत्यंत आवश्यक है इस समय में आप चंद्र मंत्र को जितनी ज्यादा से ज्यादा जाप करें दान करें एवं ग्रहण के पश्चात शिवजी का रुद्राभिषेक अवश्य करें ऐसा करने से ग्रहण का प्रभाव उत्तराषाढ़ा नक्षत्र एवं धनु तथा मकर राशि वालों को ग्रहण कष्ट से मुक्ति मिल सकता है।
ग्रहण से संबंधित अन्य जानकारी के लिए आप संपर्क कर सकते हैं
ज्योतिषाचार्य
पंडित अशोक भारद्वाज महाकाल ज्योतिष केंद्र संचालक 9893250809 /9425004808