डेढ़ लाख राजस्व प्रकरणों का निराकरण
राजस्व प्रशासन में पारदर्शिता लाने और आंतरिक प्रक्रियाओं को मजबूत बनाने के प्रयासों के चलते मध्यप्रदेश में राजस्व प्रकरणों का समाधान करने राजस्व महाअभियान शुरू किया गया है। बहुत कम समय में ही डेढ़ लाख राजस्व प्रकरणों का निराकरण हो गया है।
राजस्व न्यायालयों में लंबित प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण करने, नये राजस्व प्रकरणों को आरसीएमएस पर दर्ज करने, नक्शे पर तरमीम, पीएम किसान का सेच्युरेशन, समग्र का आधार से ई-केवाईसी और खसरे की समग्र आधार से लिंकिंग सहित आमजन की राजस्व से संबंधित समस्याओं के निराकरण में 15 जनवरी, 2024 से शुरू राजस्व महाअभियान की शुरूआत से ही अच्छे परिणाम आने लगे हैं। यह महाअभियान 29 फरवरी तक चलेगा। इसमें समय-सीमा पार कर चुके राजस्व विभाग के नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन और अभिलेख दुरुस्ती के 2 लाख 41 हजार 784 प्रकरणों का निराकरण किया जायेगा। अब तक लगभग डेढ़ लाख राजस्व प्रकरणों का समाधान हो चुका है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर पर शुरू किये गये महाअभियान से लंबित प्रकरणों के निराकरण में तेजी आई है।
कैसे होता है त्वरित निराकरण ?
राजस्व रिकॉर्ड के वाचन के लिये पटवारी को समय-सारणी दी गई। गाँव में खसरा बी-1 का वाचन किया गया। नागरिकों को समग्र ई-केवाईसी और समग्र से खसरे की लिंकिंग के लिये समग्र वेब पोर्टल एमपी ऑनलाइन/सीएसई के कियोस्क के माध्यम से समग्र में आधार की ई-केवाईसी कराने की सुविधा नागरिकों को नि:शुल्क दी जा रही है। आरसीएमएस पर प्रकरण दर्ज कराने के लिये नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रख लोक सेवा केन्द्रों के अतिरिक्त एमपी ऑनलाइन और सीएसई के कियोस्क के माध्यम से भी आरसीएमएस पर प्रकरण दर्ज कराये जा रहे हैं। समय-सीमा पार कर चुके लंबित प्रकरणों को न्यायालय में नियमित सुनवाई कर नामांतरण, बंटवारा, भू-अभिलेख दुरुस्ती के प्रकरणों का निराकरण किया जा रहा है।
रिकॉर्ड में दर्ज ऐसे भू-स्वामी, जिनकी मृत्यु काफी समय पहले हो चुकी है परंतु उनके उत्तराधिकारियों के पक्ष में नामांतरण का प्रकरण दर्ज नहीं हुआ है उनका महाअभियान में उत्तराधिकार नामांतरण के प्रकरणों को दर्ज कर निराकरण किया जा रहा है।
ग्रामीणों और किसानों में उत्साह
नामांतरण के लंबित एक लाख 54 हजार 116 प्रकरणों में से एक लाख 3 हजार 849 प्रकरणों का निराकरण कर दिया गया है। निराकरण के लिये शेष रहे 50 हजार 267 प्रकरण अभियान की समाप्ति तक निराकृत हो जायेंगे। बंटवारा के 30 हजार 969 प्रकरणों में से 18 हजार 266 प्रकरणों का निराकरण हो चुका है। सीमांकन के लंबित 31 हजार 953 प्रकरणों में से 17 हजार 243 का निराकरण किया जा चुका है। बंटवारा और सीमांकन के लंबित शेष प्रकरणों को फरवरी अंत तक निराकृत करने लक्ष्य तय किया गया है। अभिलेख दुरुस्ती के लंबित 24 हजार 746 प्रकरणों में से 6 हजार 289 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। राजस्व महाअभियान की रोजाना समीक्षा की जा रही है। राजस्व महाअभियान से ग्रामीणों और किसानों में उत्साह है। उनके लंबित प्रकरणों का अभियान में निराकरण हुआ है।
राजस्व महाअभियान के दौरान लगभग एक लाख प्रकरण दर्ज किये गये हैं। दर्ज किये गये प्रकरणों का प्रक्रिया का पालन करते हुए त्वरित निराकरण किया जा रहा है। राजस्व महाअभियान की सतत निगरानी के लिये राजस्व विभाग द्वारा डेशबोर्ड का संचालन किया जा रहा है। इससे राज्य स्तर, जिला स्तर और तहसील स्तर तक महाअभियान के दौरान हो रहे कार्यों की प्रगति की प्रतिदिन समीक्षा की जा रही है।
पिछले 2 माह में मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना में प्राप्त 17 लाख 8 हजार 532 आवेदन में से 14 लाख 54 हजार 640 अधिकार-पत्र के लिये पात्र पाये गये हैं। मुख्यमंत्री नगरीय भू-अधिकार योजना में कुल प्राप्त 2 लाख 35 हजार 713 आवेदन में से एक लाख 51 हजार 643 आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है और शेष के निराकरण की प्रक्रिया जारी है।