वास्तुशास्त्र का विज्ञान दिशा और आस-पास मौजूद चीजों से उत्पन्न उर्जा के प्रभाव को बताता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार उर्जा अगर सकारात्मक है तो प्रगति होती है और अगर नकारात्मक है तो जीवन में कही तरह की परेशानीयां आती हैं। वास्तुशास्त्र जीवन के हर क्षेत्र में लागू होता है, इसका विवाह से भी संबंध है और वास्तुशास्त्र वैवाहिक जीवन में अपना असर दिखाता है।
वास्तुशास्त्र के अनुसार जिन कुंवारे लड़कों की शादी नहीं हो रही है, उन्हें दक्षिण और दक्षिण पश्चिम दिशा में नहीं सोना चाहिए। इससे विवाह में बाधा आती हैं।
काले रंग के कपड़े और दूसरी चीजों का इस्तेमाल कम करना चाहिए। वास्तुशास्त्र के अनुसार आप काले रंग से जितना दूर रहेंगे उतना बेहतर होगा।
वास्तुशास्त्र के अनुसार ऐसी जगह पर नहीं सोना चाहिए जहां बीम लटका हुआ दिखाई दे। ऐसी जगह सोने से विवाह में परेशानियां आती हैं।
विवाह योग्य लड़कों को उन कमरों में सोना चाहिए जिनमे एक से अधिक दरवाजे हों। जिन कमरों में हवा और रोशनी का प्रवेश कम हो उन कमरों में नहीं सोना चाहिए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार आपके कमरों का रंग डार्क यानी गहरा नहीं होना चाहिए। दीवारों का रंग चमकीला, पीला, गुलाबी होना शुभ होता है।