Home धर्म-एवं-ज्योतिष नवरत्रि में कैसे और कब करे घट स्थपना ,विधि और शुभ मुहूर्त

नवरत्रि में कैसे और कब करे घट स्थपना ,विधि और शुभ मुहूर्त

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हिंदी कैलेंडर के अनुसार, इस बार 03 अक्टूबर को देर रात 12 बजकर 18 मिनट से आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरू होगी. वहीं 04 अक्टूबर, दिन शुक्रवार देर रात 02 बजकर 58 मिनट पर इसका समापन होगा. घटस्थापना मुहूर्त 03 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 15 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 22 मिनट तक रहेगा. जबकि, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 46 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक रहेगा.  

 ऐसी मान्यता है कि माता दुर्गा ने अश्विन के महीने में महिषासुर से नौ दिनों तक युद्ध किया था. वहीं दसवें दिन राक्षस का वध करके संसार को बचाया था. इसलिए नौ दिनों तक देवी की आराधना की जाती है. वहीं धार्मिक मान्यता के अनुसार, नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा किसी ना किसी रूप में पृथ्वी पर मौजूद रहती हैं. इसलिए इन दिनों में दुर्गा पूजा का खास महत्व बताया गया है. 

  • नवरात्रि के पहले दिन सुबह स्नान कर लें और साफ कपड़ा पहन कर पूजा स्थान पर बैठें.
  • फिर अपने घर के मंदिर को साफ करें और गंगाजल छिड़ककर शुद्ध कर लें
  • इसके बाद सबसे पहले भगवान श्री गणेश की पूजा करें और फिर मां दुर्गा का ध्यान करें अखंड ज्योत जलाएं.
  • फिर कलश स्थापना के लिए मिट्टी का पात्र लें और उसमें मिट्टी डालकर जौ के बीज बोएं.
  • दूसरे तरफ एक तांबे के लोटे पर रोली से स्वास्तिक बनाएं और लोटे के ऊपर मौली बांधें.
  • इसके बाद लोटे में पानी भरकर उसमें गंगाजल मिलाएं.
  • फिर उस लोटे में सवा रुपया, दूब, सुपारी, इत्र और अक्षत डालकर कलश में आम के पांच पत्ते लगाएं.
  • इसके बाद एक नारियल लें और उसे लाल कपड़े से लपेट कर मौली बांध दें.
  • अब उस नारियल को कलश के ऊपर रख दें.
  • इसके बाद कलश को जौ वाले मिट्टी के पात्र में बीचो बीच रख दें.
  • इसके साथ ही नवरात्रि के नौ व्रतों को रखने का संकल्प करें और दुर्गा चालीसा का पाठ करें.

नवरात्रि में हर दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान कर लें, फिर पूजा स्थान में गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें और दीप प्रज्वलित करें.इसके बाद मां दुर्गा का गंगाजल से अभिषेक करें औरमां दुर्गा को अक्षत, सिंदूर और लाल पुष्प चढ़ाएं.मां को प्रसाद के रूप में फल और मिठाई बनाकर भोग लगाएं.माता रानी तो दीपक दिखाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और अंत में मां दुर्गा की आरती जरूर करें.