माघ महीने की अंतिम तिथि को माघ पूर्णिमा या माघी पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस पूर्णिमा पर श्री हरि विष्णु भगवान गंगाजल में निवास करते हैं और ऐसे में जो भक्त इस दिन गंगा स्नान करके विष्णु जी की विधि विधान पूजा करता है। उसके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। इस दिन दान-पुण्य का भी विशेष महत्व माना जाता है। शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि माघ पूर्णिमा के दिन अगर पुष्य नक्षत्र हो तो इस तिथि का महत्व कई गुना बढ़ जाता है।
माघ पूर्णिमा 2025 | 12 फरवरी 2025, बुधवार |
पूर्णिमा के दिन चन्द्रोदय | 05:59 PM |
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ | 11 फरवरी 2025 को 06:55 PM बजे |
पूर्णिमा तिथि समाप्त | 12 फरवरी 2025 को 07:22 PM बजे |
माघ पूर्णिमा पूजा विधि (Magh Purnima Puja Vidhi)
- माघ पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर गंगा स्नान करना चाहिए।
- यदि गंगा स्नान न कर पाएं तो घर में ही नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें।
- स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य दें।
- इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा करें।
- इस दिन श्री हरि भगवान विष्णु की पूजा में चरणामृत, पान, कुमकुम, फल, फूल, तिल, मोली, रोली, पंचगव्य, सुपारी, दूर्वा आदि चीजें को जरूर शामिल करें।
- अंत में भगवान विष्णु की आरती करें और भगवान से हुई भूल के लिए क्षमा मांगे।
- अगर पूर्णिमा व्रत रखा है तो रात में चंद्र देव की पूजा करके अपना व्रत खोल लें।